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कांग्रेस ने सरकार पर लगाया ब्लैकलिस्टेड नोट पेपर कंपनी से करार का आरोप, वित्त मंत्रालय ने किया खारिज

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि ब्रिटेन की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को नोट प्रिंटिंग की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं केंद्र सरकार ने आरोपों को खारिज कर दिया है।

Updated on: 17 Jan 2017, 10:06 PM

highlights

  • कांग्रेस ने कहा, ब्लैकलिस्टेड कंपनी को दी गई नोट प्रिंटिंग की जिम्मेदारी
  • वित्त मंत्रालाय ने आरोपों को किया खारिज, कहा कोई कंपनी को ठेका नहीं दिया गया

नई दिल्ली:

नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए कांग्रेस को नया हथियार मिल गया है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि ब्रिटेन की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को नोट प्रिंटिंग की जिम्मेदारी दी गई है।

कांग्रेस का कहना है कि यह 'राष्ट्रीय हित' से समझौता है। वहीं केंद्र सरकार ने आरोपों को खारिज कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा, 'पिछले 3 साल के दौरान सरकार की तरफ से यूके की नोट पेपर कंपनी (डे ला रू) को कोई नया ठेका नहीं दिया गया।'

वित्त मंत्रालय ने कहा, '2013 के करार के अनुसार कंपनी ने दिसंबर 2015 तक नोट के सेक्योरिटी फिचर्स दिए थे।' वित्त मंत्रालय ने कहा, 'कंपनी ने भारत में फैक्ट्री लगाने के लिए अर्जी दी थी। लेकिन अभी तक फैसला नहीं लिया गया है।'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, 'ब्लैकलिस्ट किए जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने नोट प्रिंटिंग कंपनी डे ला रू को प्लास्टिक नोट की छपाई के लिए शॉर्ट लिस्ट किया। यह मिलीभगत को साबित करती है।'

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चांडी ने कहा, '2011 में वित्त राज्य मंत्री ने राज्यसभा में कंपनी के सिक्योरिटी फिचर्स को लेकर जवाब दिया था।' उन्होंने कहा कि तब डे ला रू को सिक्योरिटी क्लियरेंस नहीं मिला था।'