सोमवार से लागू होगा ऑड-ईवन पार्ट 3, महिलाओं और टू व्हीलर को नहीं मिली छूट
सोमवार से दिल्ली में ऑड-ईवन पार्ट 3 शुरू हो रहा है लेकिन इस बार पिछले दो बार के मुकाबले काफी अलग होगा। पांच दिनों के इस ऑड-ईवन में किसी भी सरकारी अधिकारी, टू व्हीलर और महिलाओं को छूट नहीं मिलेगी।
highlights
- ऑड-ईवन में किसी भी सरकारी अधिकारी, टू व्हीलर और महिलाओं को नहीं मिलेगी छूट
- 13 नवंबर से 17 नवंबर तक लागू होगा ऑड-ईवन पार्ट-3
- आने वाले हफ्ते में किया जाए पानी का छिड़काव
नई दिल्ली:
सोमवार से दिल्ली में ऑड-ईवन पार्ट 3 शुरू हो रहा है लेकिन इस बार पिछले दो बार के मुकाबले काफी अलग होगा। पांच दिनों के इस ऑड-ईवन में किसी भी सरकारी अधिकारी, टू व्हीलर और महिलाओं को छूट नहीं मिलेगी। वहीं इमरजेंसी वाहनों जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों को छूट दी गई है।
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर से 17 नवंबर तक ऑड-ईवन पार्ट 3 शुरू करने का फैसला लिया था लेकिन एनजीटी ने शनिवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए इस फैसले में कई अहम बदलाव किए हैं।
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को कहा कि अगर आप ऑड-ईवन लागू करते हैं तो हमारे निर्देश के अनुसार करें। ऑड-ईवन करना है या नहीं ये हम आप छोड़ते हैं। लेकिन अगर ऑड-ईवन लागू होगा तो हमारे निर्देशों के अनुसार ही होगा।
एनजीटी ने कहा कि दिल्ली आने वाले सभी रास्तों के बार्डर पर जाम नहीं लगना चाहिए। इसके लिए सभी प्राइवेट यातायात सर्विस देने वालों के साथ सरकार कोर्डिनेट कर सीएनजी बसें चलाए।
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डीटीसी ऑड-ईवन के दौरान सिर्फ सीएनजी बसों का प्रयोग करें। आने वाले हफ्ते में पानी का छिड़काव किया जाए। पानी के छिड़काव के लिए कोई पैसे न होने का बहाना नहीं माना जाएगा।
एनजीटी ने कहा जब भी पीएम 10 का स्तर 500 और पीएम 2.5 का स्तर 300 के ऊपर होगा तब दिल्ली में ऑड-ईवन प्रणाली स्वतः लागू हो जायेगी।
कमिश्नर ट्रांसपोर्ट की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाए जिसमें सीपीसीबी, डीपीसीसी और दिल्ली सरकार के अधिकारी मौजूद हों 10 दिनों तक CO2, ozone, so2, गैसों को मॉनिटर करेगी।
एनजीटी ने कहा, 'ये बहुत दुख की बात है कि आप कोर्ट के पुराने आदेश नहीं पढ़ते हैं। दिल्ली सरकार ने बताया है कि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में दो पहिया गाड़ियों का योगदान 30 फीसदी है। कोर्ट को सीपीसीबी ने बताया है कि दो पहिया गाड़ियां मिलाकर 4 पहिया पेट्रोल गाड़ियों से ज्यादा प्रदूषण करती हैं। आपने किस वैज्ञानिक आधार पर दो पहिया गाड़ियों को छूट दी है। 500 गाड़ियों को हटाकर अगर 1000 दो पहिया गाड़ियां सड़क पर हैं तो आपका उद्देश्य सिद्ध नहीं हो रहा है।'
एनजीटी के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार ने कहा कि एनजीटी बेंच ऑड-ईवन योजना के खिलाफ नहीं है, वह यह जानना चाहती है कि यह कैसे मददगार है।
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