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दिल्ली प्रदूषण: HC ने बताया, 'आपातकालीन स्थिति', कृत्रिम बारिश कराने का दिया सुझाव

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण की वजह से 'आपातकालीन स्थिति' पैदा गई है।

Updated on: 09 Nov 2017, 06:23 PM

highlights

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से 'आपातकालीन स्थिति' पैदा गई है
  • कोर्ट ने कहा, कृत्रिम बारिश कराने की संभावना पर विचार करना चाहिए
  • कोर्ट ने कहा, प्रदूषण के लिए पराली जलाना 'प्रत्यक्ष खलनायक' है लेकिन इसके लिए और कारकों पर भी ध्यान देना चाहिए

नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण की वजह से 'आपातकालीन स्थिति' पैदा गई है।

अदालत ने दिल्ली सरकार से वाहनों के लिए सम-विषम योजना (ऑड-ईवन स्कीम) लाने और कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) कराने पर विचार के लिए कहा है।

कोर्ट ने केंद्र से तत्काल प्रदूषण पर काबू पाने के लिए अल्पावधि उपायों को अपनाने के मद्देनजर दिल्ली और एनसीआर के अधिकारियों के साथ बैठक करने और इससे संबंधित रिपोर्ट मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को पेश करने के लिए कहा।

जस्टिस एस. रवीन्द्र भट और जस्टिस संजीव सचदेवा की पीठ ने पर्यावरण, वन और जलवायु नियंत्रण मंत्रालय के मुख्य सचिव को अपने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के समकक्षों और प्रदूषण नियंत्रक एजेंसी के साथ प्रदूषण से निपटने के लिए तीन दिनों के अंदर बैठक करने के निर्देश दिए।

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पीठ ने कहा कि मुख्य सचिवों को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने की संभावना पर विचार करना चाहिए। पीठ ने कहा कि यह बहुत महंगी प्रक्रिया नहीं है और बेंगलुरू ने इस प्रक्रिया को अपनाया है।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से वाहनों की सम-विषम योजना को वापस लाने पर भी विचार करने को कहा। लेकिन, कोर्ट ने सरकार द्वारा पार्किंग दर को चार गुणा बढ़ाने पर सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि कोई अगर अस्पताल गया है तो उसे चार गुना अधिक पार्किंग चार्ज देना होगा।

कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के लिए पराली को जलाना 'प्रत्यक्ष खलनायक' है लेकिन अधिकारियों को इसके लिए और कारकों पर भी ध्यान देना चाहिए।

कोर्ट ने कहा कि सड़क और निर्माण गतिविधियों साथ ही वाहनों व ओद्यौगिक प्रदूषण भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को शहर में ट्रकों की आवाजाही को भी कड़ाई से नियंत्रित करने के आदेश दिए।

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