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दिल्ली पुलिस ने 4 साल से खुद को कैद कर रखी दो महिलाओं को कराया मुक्त

पड़ोसी से मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने महावीर एन्क्लेव इलाके से खुद को कमरे में कैद कर रखी दो महिलाओं को मुक्त कराया है। डिप्रेशन से पीड़ित इन दोनों महिलाओं ने अपने आप को कमरे में कैद करा रखा था।

Updated on: 23 Mar 2017, 12:38 PM

नई दिल्ली:

पड़ोसी से मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने महावीर एन्क्लेव इलाके से खुद को कमरे में कैद कर रखी दो महिलाओं को मुक्त कराया है। डिप्रेशन से पीड़ित इन दोनों महिलाओं ने अपने आप को कमरे में कैद कर रखा था।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला के पड़ोसी ने उन्हें जानकारी दी कि पहली मंज़िल पर रह रही कलावती(42) और उनकी बेटी दीपा (20) ने अपने आप को घर में कैद करके रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि इसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने माँ-बेटी को कैद से मुक्त कराया। दोनों की हालत को देखते हुए पुलिस ने उन्हें इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया है।

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पुलिस इस मामले में महिलाओं के साथ रह रहे उनके ससुर से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने बताया कि जब वह वहां पहुँचे तो कमरे का दरवाज़ा खुला हुआ था। माँ-बेटी दोनों ही कुपोषण का शिकार थे और बहुत ही अस्वस्थ्य अवस्था में रह रहे थे। जब उन्हें अस्पताल ले जाने के बारे में कहा गया तो उन्होंने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया था।

इस मामले के बारे में और जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि दोनों महिलाओं की दिमागी हालात ठीक नहीं है। कलावती के ससुर महावीर मिश्रा बगल के कमरे में ही रहते है और जब भी माँ-बेटी खाना मांगते थे तो उन्हें दिन में एक बार दे देते थे।

मिश्रा ने बताया कि साल 2000 में उनकी पत्नी का देहांत हो गया था और चार साल पहले उनके दोनों बेटों की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी। इस हादसे के बाद से ही दीपा और कलावती ने अपने आप को कमरे में कैद कर लिया था।

महाराज मिश्रा MTNL में लाइन्समैन के तौर पर काम करते थे और उनकी थोड़ी पेंशन से परिवार का गुज़ारा होता था। मिश्रा ने बताया कि अक्सर माँ बेटी कई दिनों तक बिना खाये रहती थी और दोनों सड़क दुर्घटना में मारे गए उनके दोनों मृत बेटों से बात करने का दावा करती थी।

उन्होंने बताया के वह उन दोनों का इलाज स्थानीय चिकित्सक से कराते थे क्योंकि उनके पास उन्हें अस्पताल में भर्ती करने के लिए पैसे नहीं थे।

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