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पतंजलि के ग्रीन फ्लश विज्ञापन पर अदालत का रोक लगाने से इनकार, हारपिक बनाने वाली कंपनी ने दायर की थी याचिका

दिल्ली की एक अदालत ने रेकिट बेनकाइजर को किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है। कंपनी ने पतंजलि एंटरप्राइजेज के ग्रीन फ्लश टॉयलेट क्लीनर के विज्ञापन पर रोक लगाए जाने की मांग की थी।

Updated on: 11 Jan 2018, 05:04 PM

highlights

  • दिल्ली की एक अदालत ने रेकिट बेनकाइजर को किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है
  • कंपनी ने पतंजलि एंटरप्राइजेज के ग्रीन फ्लश टॉयलेट क्लीनर के विज्ञापन पर रोक लगाए जाने की मांग की थी

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने रेकिट बेनकाइजर को किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है। कंपनी ने पतंजलि एंटरप्राइजेज के 'ग्रीन फ्लश' टॉयलेट क्लीनर के विज्ञापन पर रोक लगाए जाने की मांग की थी।

कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले में कोई भी फैसला दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही लिया जा सकता है।

गौरतलब है कि रेकिट बेनकाइजर ने अपने प्रॉडक्ट हारपिक के विज्ञापन की तरह का विज्ञापन होने का दावा करते हुए अदालत का रुख किया था।

टॉयलेट क्लीनर सेगमेंट में रेकिट का कुल बाजार हिस्सेदारी का 80 फीसदी हिस्से पर कब्जा है। कंपनी ने कहा था कि पतंजलि के ग्रीन फ्लश क्लीनर का न केवल विज्ञापन बल्कि बोतल का आकार और डिजाइन भी उसके प्रॉडक्ट हारपिक की तरह है।

कंपनी ने कहा था कि पतंजलि के विज्ञापन में उसके प्रॉडक्ट का मजाक उड़ाया गया है। रेकिट की तरफ से कहा गया था कि पतंजलि का ग्रीन फ्लश टॉयलेट क्लीनर का विज्ञापन लोगों को गुमराह करने वाला है क्योंकि यह ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट नहीं है, जैसा कि इसमें दावा किया जा रहा है।

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