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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऑड-ईवन पर होगा ऐलान: गोपाल राय

दिल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण पर केजरीवाल सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट पर्यावरण वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम कर रही है और लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है।

Updated on: 13 Nov 2017, 02:00 PM

highlights

  • ऑड ईवन को लेकर पुनर्विचार याचिका लेकर एनजीटी के पास नहीं पहुंची केजरीवाल सरकार
  • दिल्ली में जारी प्रदूषण की गंभीर समस्या को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में होगी याचिका की सुनवाई

नई दिल्ली:

दिल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण पर केजरीवाल सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट पर्यावरण वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम कर रही है और लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है।

राय ने कहा, 'ट्रकों का मूवमेंट और कंस्ट्रक्शन के काम की निगरानी की जा रही है। पानी का छिड़काव किया जा रहा है।'

ऑड-ईवन पर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दायर की जाने वाली पुनर्विचार याचिका को लेकर उन्होंने कहा, 'हम एनजीटी में फिर से याचिका दायर कर टू-व्हीलर औऱ महिलाओं को छूट दिए जाने की मांग करेंगे।'

उन्‍होंने कहा कि उनकी सरकार ऑड-ईवन पर फैसला लेने को तैयार है बस कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।

गौरतलब है कि एनजीटी इस मामले की सुनवाई कर रहा है लेकिन सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट में आज शाम इस मामले पर सुनवाई होनी है।

उन्‍होंने कहा कि प्रदूषण का खतरा सिर्फ दिल्‍ली के लोगों पर ही नहीं बल्कि पूरे उत्‍तर भारत के लोगों को है।

गौरतलब है कि दिल्ली में जारी स्मॉग की गंभीर समस्या से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने ऑड-ईवन को फिर से लागू करने का फैसला लिया था।

हालांकि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इसमें महिलाओं और टू-व्हीलर को छूट दिए जाने के प्रावधान को मंजूर नहीं किया, जिसके बाद केजरीवाल सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस नीति को वापस ले लिया था। 

सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी ने केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या परिवहन मंत्री का बयान सिर्फ मीडिया में देने के लिए था।

एनजीटी ने दिल्ली सरकार ने पूछा कि क्या ऑड-ईवन पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल करने की बात केवल मीडिया में कहने के लिए कही थी। क्योंकि अभी तक हमारे पास कोई पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की गई हैं।

दरअसल सुनवाई के दौरान केजरीवाल सरकार की ओर से कोई भी वकील मौजूद नहीं था। एनजीटी ने कहा, 'सरकार हमारे पास आना चाहती है या यह मंत्री का मीडिया में बयान भर था?'