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गाय मारने वालों को सड़क दुर्घटना के लिए जिम्मदार लोगों से ज्यादा सजा, दिल्ली की अदालत ने जताया अफसोस

कोर्ट ने कहा, 'देश में रोड एक्सिडेंट से मरने वालों की संख्या में 2014 के बाद 2015 में 5.1 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी आई है। 2015 में हर घंटे करीब 53 सड़क दुर्घटनाएं हुईं।'

Updated on: 16 Jul 2017, 10:02 AM

नई दिल्ली:

सड़क दुर्घटना के एक मामले में फैसला सुनाते हुए दिल्ली की एक अदालत ने अफसोस जताया है कि कानून के मुताबिक दोषी ड्राइवरों को अधिकतम दो साल की सजा मिलती है जबकि गाय को मारने वालों पांच से 14 साल का प्रावधान है।

एडिशनल सेशन जज संजीव कुमार ने कहा, विभिन्न राज्यों में गाय को मारने की सजा सात से 14 साल की है लेकिन सड़क दुर्घटना में किसी इंसान के मरने पर केवल दो साल की सजा का प्रावधान है।

जज ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का भी हवाला दिया और कहा कि एक बार फिर से पुराने कानून को देखने की जरूरत है।

कोर्ट ने कहा, 'देश में रोड एक्सिडेंट से मरने वालों की संख्या में 2014 के बाद 2015 में 5.1 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी आई है। 2015 में हर घंटे करीब 53 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। वहीं, प्रति घंटे 17 लोगों की मौत एक्सिडेंट के कारण हुई।'

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जज के मुताबिक, ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं, करीब 43.7 फीसदी तेज स्पीड के कारण होती हैं। इसके कारण 60,969 लोगों की मौत हुई और करीब 2.12 लाख घायल हुए। जेनेवा की इंटरनेशनल रोड फेडरेशन का उल्लेख करते हुए जज ने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटना के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं।

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