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सुप्रीम कोर्ट विवाद: बार काउंसिल के सदस्यों ने की जस्टिस चेलमेश्वर बात, शाम तक सीजेआई से करेंगे मुलाकात

सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उपजे विवाद को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्यों ने सुलझाने की पहल की है। काउंसिल के सदस्यों ने जस्टिस चेलमेश्वर से मुलाकात की।

Updated on: 14 Jan 2018, 05:40 PM

New Delhi:

सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उपजे विवाद को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के सदस्यों ने सुलझाने की पहल की है। बार काउंसिल के सदस्य रविवार सुबह जस्टिस चेलमेश्वर के घर पहुंचकर मुलाकात की हैं।

मुलाकात के बाद बार काउंसिल के सदस्यों ने कहा कि शाम तक वे सभी चार जजों और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मिलेंगे इसके बाद ही कोई बयान देंगे।

बीसीआई के सदस्यों की शनिवार शाम को एक बैठक हुई थी, जिसमें फैसला लिया गया था कि बीसीआई का एक प्रतिनिधिमंडल सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से मुलाकात कर मतभेदों को सुलझाने की कोशिश करेगा।

इस बात की जानकारी बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बताया था कि काउंसिल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जजों के बीच उपजे विवाद को सुलझाने की कोशिश की जाएगी। इस दौरान काउंसिल के सदस्य सीजेआई दीपक मिश्रा समेत उन चार न्यायाधीशों से मुलाकात करेंगे।

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इस विवाद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मिश्रा ने कहा था कि, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चार शीर्ष न्यायाधीशों को अपनी बात कहने के लिए प्रेस वार्ता करनी पड़ी। सर्वोच्च न्यायालय के लिए यह अच्छा नहीं हुआ और इस मुद्दे को 'आंतरिक रूप से सुलझा लेना' चाहिए।'

क्या है मामला?

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार वकीलों ने प्रेस कांफ्रेंस करके चीफ जस्टिस के खिलाफ संगीन आरोप लगाए थे। जजों ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों और चुनिंदा केसों के लिए खास बेंचों के चयन को लेकर सवाल उठाते हुए अपनी बात मीडिया के सामने रखी थी।

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चारों जजों जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस जोसफ कुरियन, जस्टिस रंजन गोगोई, मदन लोकुर ने सीजेआई को निशाना बनाते हुए यह आरोप लगाया था कि शीर्ष अदालत की प्रशासनिक व्यवस्था ठीक नहीं है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जजों ने कहा था, 'यह भारतीय न्याय व्यवस्था, खासकर देश के इतिहास और यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय के लिए एक असाधारण घटना है। हमें इसमें कोई खुशी नहीं है, हम यह कदम उठाने पर मजबूर हुए हैं।'

ऐसा देश में पहली बार हुआ है कि जजों को सुप्रीम कोर्ट की प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में मीडिया से संवाद करना पड़े। हालांकि इस बीच सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस कुरियन ने आश्वासन देते हुए कहा है कि यह मामला जल्द सुलझा लिया जाएगा।

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