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अरुण जेटली का बयान- युद्ध जैसे क्षेत्र में फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है सेना

कश्मीर में लगातार बिगड़ते हालातों और पाकिस्ताने के साथ सीमा पर जारी संघर्ष के बीच रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने सेना को पूरी तरह स्वतंत्रता देने की बात कही है।

Updated on: 25 May 2017, 09:27 AM

नई दिल्ली:

कश्मीर में लगातार बिगड़ते हालातों और पाकिस्ताने के साथ सीमा पर जारी संघर्ष के बीच रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने सेना को पूरी तरह स्वतंत्रता देने की बात कही है। 

उन्होंने साफ कहा कि कश्मीर में सेना की समस्याओं का समाधान तो सेना ही देगी। इसके अलावा उमर अबदुल्ला, को करारा जवाब देते हुए रक्षामंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जब आप युद्ध जैसी स्थिति में होते है तो उन्हें क्या करना चाहिए यह सांसदों से पूछने की जरुरत नहीं हैं।

बता दें कि हाल ही में कश्मीर में पत्थरबाज़ी की बढ़ती घटनाओं के बीच सेना के मेजर ने एक पथराव करने वालों के मानव ढाल के तौर पर जीप के आगे बांधा था।

इस मुद्दे ने काफी तूल पकड़ा था। बाद में जांच के बाद यह बात सामने आई की मेजर लीतुल गोगोई ने बेहद समझदारी पूर्ण कठोर कदम उठाते हुए वहां मौजूद हज़ारों लोगों की मुश्किल हालात से बचाया था। 

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जेटली ने मेजर लीतुल गोगोई के कदम की तारीफ करते हुए कहा कि सैन्य का समाधान सैन्य अधिकारी ही मुहैया कराते हैं। युद्ध जैसे क्षेत्र में जब आप हों तो स्थितियों से कैसे निबटा जाए, हमें अपने सैन्य अधिकारियों को निर्णय लेने की अनुमति देनी चाहिए।

इस बीच सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकार मिलकर अलगाववादियों और पत्थरबाज़ों से सख़्ती से निपटने के लिये एक्शन प्लान भी तैयार कर रही हैं।

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