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दार्जिलिंग हिंसा: ममता सरकार को राहत, कलकत्ता HC ने केन्द्रीय बलों को हटाने पर रोक लगाई

इस मामले में अब केंद्र सरकार 23 अक्टूबर को और पश्चिम बंगाल सरकार 26 अक्टूबर को हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगी। जिसके बाद हाईकोर्ट 27 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

Updated on: 17 Oct 2017, 06:04 PM

highlights

  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने दार्जिलिंग से केन्द्रीय बलों को हटाने पर रोक लगाई
  • ममता सरकार की याचिका पर अब हाईकोर्ट 27 अक्टूबर को सुनवाई करेगा
  • केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त रहे दार्जिलिंग से केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का फैसला किया है

नई दिल्ली:

हिंसाग्रस्त दार्जिलिंग से केंद्रीय सुरक्षा बलों को वापस बुलाने के केंद्र के फैसले पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्र के फैसले का विरोध किया था।

इस मामले में अब केंद्र सरकार 23 अक्टूबर को और पश्चिम बंगाल सरकार 26 अक्टूबर को हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करेगी। जिसके बाद हाईकोर्ट 27 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

इससे पहले केंद्र के फैसले पर भड़की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को कड़े शब्दों में पत्र लिखा।

ममता ने केंद्र सरकार से सुरक्षाबलों को दार्जिलिंग से वापस बुलाए जाने के फैसले को बदलने की मांग की है।

ममता बनर्जी ने कहा, 'पहले दार्जिलिंग से केंद्रीय बलों की 10 से 15 कम्पनियों को वापस बुलाने का फैसला किया गया था। अब मैंने राजनाथ जी से बात की है क्योंकि मैं उन्हें एक अच्छा इंसान मानती हूं, उन्होंने मुझसे कहा कि वे सात कम्पनियों को वापस बुला रहे हैं। लेकिन, फिर भी वहां पर 8 कम्पनियां अपर्याप्त हैं।'

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मोदी और राजनाथ को लिखे अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण और एकतरफा करार दिया है।

आपको बता दें कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) समेत कई छोटे-बड़े संगठन पश्चिम बंगाल से अलग गोरखालैंड की मांग कर रहे हैं। पिछले कई महीनों से पहाड़ी पर बंद जैसी स्थिति है। कई जगहों पर हिंसा की खबरें आई है।

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