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संसद के मानसून सत्र में सीपीएम ने मोदी सरकार से महिला आरक्षण विधेयक लाने की मांग रखी

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने रविवार को सरकार के प्रस्तावित 16 विधेयकों पर संसद में चर्चा को असंभव करार देते हुए इसके बजाए महिला आरक्षण विधेयक सहित तीन नए विधेयकों को पेश करने का आग्रह किया है।

Updated on: 16 Jul 2017, 06:35 PM

highlights

  • मानसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक लाए केंद्र सरकार: सीपीएम
  • येचुरी ने कहा मानसून सत्र में 16 विधेयकों पर संसद में चर्चा असंभव

 

नई दिल्ली:

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने रविवार को सरकार के प्रस्तावित 16 विधेयकों पर संसद में चर्चा को असंभव करार देते हुए इसके बजाए महिला आरक्षण विधेयक सहित तीन नए विधेयकों को पेश करने का आग्रह किया है।

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, 'सरकार ने सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में 16 विधेयकों को लाने की बात कही है। इन विधेयकों को पारित करना असंभव है क्योंकि शुक्रवार को छोड़कर संसद केवल 14 दिनों तक ही चलेगी। अगर सरकार बगैर चर्चा के इन विधेयकों को पारित करना चाहती है, तो यह अलग मामला है।'

येचुरी ने कहा सरकार को महिला आरक्षण विधेयक के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्यों पर किसानों को अपने उत्पाद बेचने का अधिकार और आधार डेटा के उल्लंघन के मद्देनजर गोपनीयता का अधिकार मुद्दे पर विधेयक लाना चाहिए।

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उन्होंने कहा, 'हमने सरकार को इन तीनों विधेयकों को शामिल करने का सुझाव दिया है क्योंकि उन्होंने अपने चुनाव घोषणापत्र में इनका वादा किया था। प्रधानमंत्री ने खुद महिला आरक्षण विधेयक लाने और किसानों की आय को दोगुना करने का वादा किया था।'

येचुरी ने कहा कि विपक्ष मॉनसून सत्र के दौरान लोगों की पीट-पीटकर हत्या, कश्मीर की स्थिति, चीन के साथ असंतोष और बढ़ती खाद्य कीमतों के मुद्दे को उठाएगा। यह सत्र 11 अगस्त को खत्म होगा।

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