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डोकलाम में तनाव से भारत ने ली सीख, चीन सीमा तक पहुंचने के लिए रोड का निर्माण शुरू

चीन से डोकलाम में हुए सीमा विवाद के बाद सीख लेते हुए भारत सरकार ने सीमा की सुरक्षा के लिए उत्तराखंड में 150 किलोमीटर लंबी टनकपुर पिथौरागढ़ मार्ग बनाने का काम शुरू कर दिया है।

Updated on: 21 Nov 2017, 11:17 AM

highlights

  • भारत ने 150 किलोमीटर लंबी टनकपुर पिथौरागढ़ मार्ग बनाने का काम शुरू किया
  • इस सड़क के निर्माण से चीन सीमा तक पहुंचना सेना के लिए हो जाएगा आसान

नई दिल्ली:

चीन से डोकलाम में हुए सीमा विवाद के बाद सीख लेते हुए भारत सरकार ने सीमा की सुरक्षा के लिए उत्तराखंड में 150 किलोमीटर लंबी टनकपुर पिथौरागढ़ मार्ग बनाने का काम शुरू कर दिया है।

इस सड़क के निर्माण के बाद भारतीय सुरक्षाबलों और सेना के जवानों को भारत-चीन सीमा तक जल्दी पहुंचने में काफी मदद मिलेगी। सड़क बनने के बाद हथियारों को सीमा तक पहुंचाना भी आसान हो जाएगा।

उत्तराखंड में ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत इस सड़क का निर्माण किया जा रहा है। पीएम मोदी ने इस साल के शुरूआत में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट शुरू करने का ऐलान किया था।

इस सड़क के बन जाने के बाद किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुंरत चीन सीमा तक पहुंचा जा सकेगा।

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प्रोजेक्ट की देखरेख कर रहे अधिकारी के मुताबिक, 'टनकपुर से पिथौरागढ़ के बीच बने रहे 150 किलोमीटर लंबे सड़क का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की समय सीमा 2019 है।'

उन्होंने कहा, 'इस सड़क निर्माण से किसी भी विपरीत परिस्थिति में भारत-चीन सीमा के अंतिम पोस्ट तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा।'

इस प्रोजेक्ट में खासबात यह है कि सड़क निर्माण के दौरान इसमें ना तो कोई पुल बनेगा और ना ही कोई सुरंग खोदी जाएगी। अधिकारी के मुताबिक इसी वजह से तय समयसीमा के भीतर इस सड़क के बन जाने की पूरी उम्मीद है। इस परियोजना पर एक हजार 65 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे जबकि रोड की चौड़ाई 12 मीटर होगी।

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