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राजीव गांधी के करीबी रहे मणिशंकर अय्यर के निलंबन से कांग्रेस में राहुल युग का 'आगाज'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नीच' और 'असभ्य' बताए जाने के बाद पैदा हुए सियासी विवाद के बाद पार्टी ने मणिशंकर अय्यर को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।

Updated on: 07 Dec 2017, 10:15 PM

highlights

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नीच' और 'असभ्य' बताए जाने के बाद कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित हुए मणिशंकर अय्यर
  • पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी रहे मणिशंकर अय्यर के निलंबन को कांग्रेस में राहुल युग के आगाज के तौर पर देखा जा रहा है

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'नीच' और 'असभ्य' बताए जाने के बाद पैदा हुए सियासी विवाद के बाद पार्टी ने मणिशंकर अय्यर को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।

अय्यर के निलंबन को कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक करार दिया जा रहा है, जिसने इस पूरे मामले को गुजरात में चुनावी मुद्दा बनाने की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कोशिश को परवान चढ़ने से पहले ही ध्वस्त कर दिया है।

अय्यर के बयान दिए जाने के तत्काल बाद पीएम मोदी ने सूरत की रैली में इसे गुजरात की 'अस्मिता' के अपमान से जोड़ते हुए मतदाताओं से इस कथित अपमान का बदला लिए जाने की अपील की थी।

मोदी ने कहा, 'वह मुझे नीच बुलाते हैं, लेकिन हमारा संस्कृति बेहद मजबूत है। हमें ऐसे लोगों के बयान पर कुछ नहीं कहना है। हमारा जवाब अब बैलेट बॉक्स के जरिये आएगा। हमने उनकी तरफ से बहुत बेइज्जती झेली हैं। जब मैं राज्य का मुख्यमंत्री था, तब उन्होंने मुझे मौत का सौदागर कहा था और मुझे जेल भेजना चाहते थे।'

कांग्रेस में राहुल युग का आगाज

अय्यर, देश के पूर्व प्रधानमंत्री और राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी के करीबी नेताओं में शुमार रहे हैं। ऐसे में उनके खिलाफ की गई इस कार्रवाई को पार्टी के भीतर राहुल युग के आगाज के तौर पर देखा जा रहा है।

राहुल हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से कांग्रेस के प्रेसिडेंट नहीं बने हैं, लेकिन उनका निर्विरोध तरीके से पार्टी प्रेसिडेंट चुना जाना तय है।

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अय्यर ने इससे पहले भी पीएम मोदी के लिए 'चाय की दुकान' खोले जाने संबंधी बयान दिया था, जिसे बीजेपी भुनाने में सफल रही और राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक पिछले आम चुनाव में कांग्रेस को इसका नुकसान भी उठाना पड़ा।

हालांकि तब कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी के हाथों में थी और अय्यर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह पहली बार हुआ है जब कांग्रेस ने अपने किसी वरिष्ठ नेता के खिलाफ पीएम मोदी के खिलाफ की गई बयानबाजी को लेकर कार्रवाई की है।

बीजेपी के मामले को तूल दिए जाने के बाद कांग्रेस ने सबसे पहले अय्यर के बयान से पार्टी को अलग किया और इसके बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से माफी मांगने की नसीहत दी।

अय्यर ने बिलकुल वैसा ही किया, लेकिन बाद में पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें कांग्रेस की प्राथमिकता सदस्यता से निलंबित कर दिया। गौरतलब है कि कांग्रेस को इस तरह की निजी बयानबाजी से पिछले आम चुनाव और गुजरात विधानसभा चुनावों में नुकसान हो चुका है।

2007 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बताया था, और फिर इस बयान को बीजेपी ने हिन्दू अस्मिता से जोड़ कर चुनावी मुद्दा बनाने में देर नहीं की। नतीजा, इस चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारी।

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यही वजह रही कि राहुल गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत से ही राज्य के नेताओं को मोदी पर निजी हमला नहीं करने की नसीहत दे रखी है।

चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार खत्म होने तक कांग्रेस की यह रणनीति कारगर साबित हो रही थी, लेकिन आखिरी घंटों में अय्यर की बयानबाजी ने पार्टी के सामने असहज स्थिति पैदा कर दी।

अय्यर का निलंबन इस पूरे मामले में डैमेज कंट्रोल की कोशिश है, जिसे आधिकारिक रूप से कांग्रेस की कमान संभालने से पहले राहुल गांधी की सहमित से अंजाम दिया गया।

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