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2019 में BJP के खिलाफ 'महागठबंधन' बनाएगी कांग्रेस, EC से बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की रखी मांग

2019 के आम चुनाव के दौरान कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनावी मात देने के लिए समान विचारधारा वाले दलों का गठबंधन बना सकती है।

Updated on: 18 Mar 2018, 06:41 AM

highlights

  • 2019 के आम चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए गठबंधन बना सकती है कांग्रेस
  • दिल्ली में आयोजित महाधिवेश में पेश किए गए संकल्प पत्र में कांग्रेस ने दिए संकेत

नई दिल्ली:

2019 के आम चुनाव के दौरान कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चुनावी मात देने के लिए समान विचारधारा वाले दलों का 'महागठबंधन' बना सकती है।

दिल्ली में दो दिवसीय महाधिवेशन के पहले दिन पेश किए संकल्प पत्र में कहा गया है, 'कांग्रेस 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी-आरएसएस को हराने के लिए समान विचारधारा की पार्टी से गठबंधन करने के लिए एक व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाएगी और एक सामान्य व्यवहारिक कार्यक्रम विकसित करेगी।'

हालांकि इसमें यह नहीं बताया गया है कि इस गठबंधन की अगुवाई कौन करेगा।

दिल्ली में चलने वाले दो दिवसीय महाधिवेशन के दौरान कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने बीजेपी और मोदी सरकार की नीतियों पर जमकर हल्ला बोला।

बतौर पार्टी प्रेसिडेंट राहुल गांधी का यह पहला महाधिवेशन था, जिसमें पार्टी ने देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को लेकर संकल्प पत्र पेश किए।

धर्म और राजनीति का खतरनाक खेल रही बीजेपी

पार्टी महाधिवेशन में कांग्रेस ने बीजेपी और आरएसएस को देश की सामाजिक एकता और सौहार्द के लिए खतरा बताया।

कांग्रेस ने कहा, 'घातक और विभाजनकारी एजेंडे के तहत, उन लेागों ने सांप्रदायिक भावनाएं और अंध-राष्ट्रवाद को भड़काया है।'

पार्टी ने कहा कि दोनों संगठन धर्म और राजनीति का खतरनाक मिश्रण तैयार कर रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए घातक है।

संकल्प के अनुसार, 'आरएसएस और बीजेपी, लोगों की भावनाओं का दोहन और राजनीतिक सत्ता हासिल करने के लिए धर्म की गलत व्याख्या और दुरुपयोग कर रहा है। धर्म और राजनीति का जहरीला मिश्रण हमारे बहुलतावादी समाज और समावेशी लोकतंत्र के लिए खतरा है।'

पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में कहा है कि केंद्र की बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने देश के सभी वर्गो के लोगों के साथ धोखा किया है। साथ ही मोदी सरकार के कार्यकाल में देश का संवैधानिक मूल्य खतरे में है।

संकल्प के अनुसार, 'बीजेपी के शासन में, किसानों, खेत-मजदूरों, असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, दिहाड़ी मजदूरों, दलितों, अल्पसंख्यकों, बेरोजगारों और गरीबों को धोखा दिया गया।'

पार्टी ने कहा, 'आज हमारे संवैधानिक मूल्य पर हमला किया जा रहा है। हमारी स्वतंत्रता खतरे में है। हमारे संस्थान संकट में हैं और उनकी स्वतंत्रता के साथ समझौता किया जा रहा है।'

बीजेपी और मोदी पर हमलावर हुए राहुल और सोनिया

सम्मेलन में कांग्रेस की पूर्व प्रेसिडेंट सोनिया गांधी ने भी बीजेपी पर जमकर हमला बोला।

सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'ड्रामेबाज' और 'अहंकारी' करार देते हुए एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उनका सभी के लिए विकास और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करने का नारा सत्ता प्राप्त करने का हथकंडा था।

उन्होंने कहा, 'वर्ष 2014 में, जब मोदी सरकार आई, उन्होंने 'सबका साथ, सबका विकास', 'ना खाऊंगा, न खाने दूंगा' के बारे में बात की, जोकि वोट पाने के लिए की गई ड्रामेबाजी थी।'

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कांग्रेस को बर्बाद करने की कोशिश की, साथ ही संप्रग शासन में लागू की गई योजनाओं को कमजोर और दरकिनार करने की कोशिश की।

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सोनिया ने कहा, 'बीते चार वर्षो में, घमंडी सरकार ने कांग्रेस को बर्बाद करने का कोई अवसर नहीं छोड़ा, लेकिन पार्टी कभी भी झुकी नहीं और न ही कभी झुकेगी।'

उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की अगुवाई में संप्रग ने मजबूत अर्थव्यवस्था और जीडीपी पाई थी।

उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस पार्टी है जो अन्याय के खिलाफ खड़ी हो सकती है और इसके खिलाफ आवाज उठा सकती है। हमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की जरूरत है। शपथ लीजिए कि हम इसके लिए पूरी कोशिश करेंगे।'

बैलेट पेपर के प्रयोग पर लौटे निर्वाचन आयोग

इसी महाधिवेश में पार्टी ने ईवीएम की बजाए बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के दुरुपयोग की शंका का हवाला देते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग (ईसी) को बैलेट पेपर की पुरानी प्रथा को दोबारा से अमल में लाना चाहिए।

कांग्रेस ने एक साथ चुनाव कराने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कदम पर भी निशाना साधा। पार्टी अधिवेशन में यहां अपनाए गए राजनीतिक संकल्प में चुनाव प्रक्रिया के पारदर्शी और मुक्त होने की जरूरत को सुनिश्चित करने की बात पर जोर दिया गया ताकि जनता का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास बना रहे।

संकल्प में कहा गया, 'ईसी के पास मुक्त और पारदर्शी चुनाव को सुनिश्चित करने का संवैधानिक अधिकार है। जनता का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास बना रहे इसके लिए मतदान और मतगणना प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने की जरूरत है।'

पार्टी अधिवेशन के संकल्प में कहा गया, 'चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग को बैलेट पेपर की पुरानी प्रथा को अमल में लाना चाहिए। ज्यादातर लोकतांत्रिक देशों ने इसे लागू किया हुआ है।'

कांग्रेस ने यह भी कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विचार संविधान के साथ असंगत, अव्यावहारिक और गलत है।

पार्टी ने कहा, 'एक साथ चुनाव कराने का भाजपा का कदम गलत है। यह संविधान के साथ असंगत है और यह अव्यावहारिक भी है। इसके गंभीर अर्थ होंगे, जिसको पूर्ण रूप से जांचा जाना चाहिए और इस पर एक राष्ट्रीय सहमति बनानी चाहिए।'

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