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Video: जनता दरबार में ट्रांसफर से नाराज़ शिक्षिका ने किया हंगामा, CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया सस्पेंड

उत्तराखंड के देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर लगे जनता दरबार में एक शिक्षिका ने हंगामा किया।

Updated on: 29 Jun 2018, 02:52 PM

नई दिल्ली:

उत्तराखंड के देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आवास पर लगे जनता दरबार में एक शिक्षिका ने हंगामा किया।

जनता दरबार में एक शिक्षिका अपने ट्रांफर की फरियाद लेकर आई, लेकिन कुछ ऐसा हुआ जिसके बाद सीएम ने उन्हें निलंबित करने के आदेश दे दिए

सस्पेंड शिक्षिका ने अपनी आपबीती सुनाई। समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'जब ये कहा इसे बाहर ले जाओ तो मैं ये पूछती हूं कि इसे क्या होता है।'

शिक्षिका ने कहा, 'मैं अनुशासन और ईमानदारी के साथ नौकरी कर रही थी। बातचीत के दौरान शिक्षिका टूट पड़ी और उन्होंने कहा, मेरे साथ गलत हुआ और मैं निर्दोष हूं।'

इस पूरे मामले पर विपक्ष ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की आलोचना की। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने त्रिवेंद्र सिंह रावत पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, 'हमरा सिस्टम इतना असंवेदनशील है कि 25 सालों तक एक शिक्षिका को जो कि विधवा है उनकी पोस्टिंग दुर्गम इलाके में रखी।किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। मुख्यमंत्री पुलिस को महिला को रिहा करने का आदेश दें और उनके निलंबन को रद्द किया जाये।'

मालूम हो कि  उत्तरा पंत नाम की शिक्षिका सीएम से अपने ट्रांसफर की मांग को लेकर जनता दरबार में पहुंची थी। समस्या का समाधान नहीं निकलता देख वह बिफर गई और मुख्यमंत्री को अप शब्द कह डालें। 

इस बीच सीएम ने शिक्षिका को चेतावनी भरे लहजे में हंगामा न करने के लिए कहा। 

महिला लगातार हंगामा करती रही और इसी बीच उन्होंने अप-शब्द कह डाले, जिसके बाद सीएम ने उन्हें ससपेंड और गिरफ्तार करने के आदेश दिए

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जनता दरबार में आई महिला ने सख्त तेवर में कहा कि वे 25 साल से उत्तरकाशी के जिले में नौकरी कर रही हैं। उनके पति की मौत हो चुकी है और बच्चों की देखभाल के लिए उनका ट्रांसफर देहरादून में किया जाएगा।

इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकरी शुरू करते वक़्त भी यह शर्त रखी थी?,  शिक्षिका से शांत रहने का अनुरोध किया।

इस पर महिला आग बबूला हो उठीं और बोलीं कि आप क्या ससपेंड करेंगे मैं खुद ही बैठ जाउंगी। इसी बीच जब पुलिसकर्मी महिला को बाहर ले जाने लगते है तब वह अपशब्द कहने लगती हैं। 

इसके बाद गुस्से में मुख्यमंत्री रावत ने महिला को ससपेंड करने के लिए आदेश दिया और इसके साथ पुलिस को उन्हें हिरासत में लेने के भी आदेश दिए।

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