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88 फीसदी भारतीय मानते है वोटर आई डी कार्ड के साथ आधार की लिंकिंग को सही

चुनाव आयोग के वोटर आईडी कार्ड के साथ आधार को लिंक कराने के कदम को अधिकतर भारतीय नागरिकों का समर्थन मिल रहा है।

Updated on: 17 Dec 2017, 04:58 AM

highlights

  • 88 फीसदी भारतीय मानते है वोटर आई डी कार्ड के साथ आधार की लिंकिंग को सही
  • लोगों का मानना इससे खत्म होगी डुप्लेकेसी और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग में मदद 

नई दिल्ली:

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की सुविधा और मतदान की डुप्लेकेसी के धोखे से बचने के लिए चुनाव आयोग के वोटर आईडी कार्ड के साथ आधार को लिंक कराने के कदम को अधिकतर भारतीय नागरिकों का समर्थन मिल रहा है।

चुनाव आयोग ने फरवरी 2015 में एनईआरपीएपी (राष्ट्रीय निर्वाचक नामावली परिशोधन व प्रमाणीकरण कार्यक्रम) के तहत वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक कराने के गाइडलाइंस जारी किए थे।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर अगस्त 2015 में रोक लगा दी थी और कहा था कि आधार कार्ड का उपयोग उत्तरदाताओं द्वारा पीडीएस योजना के अलावा किसी भी उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा और विशेष रूप से अनाज के वितरण और खाना पकाने के ईधन जैसे की केरोसिन लेने के लिए किया जाएगा।

इस साल जुलाई में भारतीय चुनाव आयोग (ईआईसी) ने सुप्रीम कोर्ट में अपने आवेदन के साथ उन मतदाताओं की सूची को भी जमा किया है जिन्होंने आधार कार्ड लिंक कर दिया।

लोकल सर्किल्स के एक सर्वे के मुताबिक, नागरिकों का मानना है कि वोटर आईडी कार्ड के साथ आधार का लिंक करने से मतदान में फ्रॉड होने की संभावना कम हो जाती है, जो आजकल के चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती है।

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सर्वे में पाया कि 88 फीसदी भारतीय इस फैसले के समर्थन में हैं, वहीं केवल 10 फीसदी लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

इस सवाल पर कुल 9,160 मत मिले, जिसमें सिर्फ दो प्रतिशत अपनी राय व्यक्त करने के लिए नहीं चुना गया।

यह माना जाता है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से नागरिकों के लिए मतदान प्रक्रिया को आसान बना देगा। यह मतदान के प्रतिशत में भी वृद्धि करेगा, क्योंकि लोग अपने कंप्यूटर या स्मार्ट फोन से दुनिया में कहीं भी बैठे वोट दे पाएंगे।

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