चिदंबरम ने मोदी से पूछा, अरविन्द सुब्रह्मण्य भी बेवकूफ हैं?
मोदी ने गुजरात के मोरबी में एक रैली में कुछ बुद्धिजीवियों और अर्थशास्त्रियों का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि वे देश को गुमराह कर रहे हैं।
नई दिल्ली:
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत अधिकतम 18 फीसदी कर रखने की पार्टी की मांग का समर्थन करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जवाबी हमला बोला है।
पी. चिदंबरम ने कहा कि जिसे वे (पीएम मोदी) 'सबसे बेवकूफी भरा विचार' कहते हैं, तो क्या वह मुख्य आर्थिक सलाहकार को भी यही तर्क देने के कारण बेवकूफ समझते हैं।
दरअसल मोदी ने गुजरात के मोरबी में एक रैली में कुछ बुद्धिजीवियों और अर्थशास्त्रियों का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि वे देश को गुमराह कर रहे हैं।
मोदी के इस बयान का जवाब देते हुए चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'अगर कर की दर को 18 फीसदी तक स्थिर करने की बात की जाए तो क्या यह बेवकूफी भरा विचार है। अगर ऐसा है तो अरविन्द सुब्रह्मण्यम समेत बहुत सारे अर्थशास्त्री बेवकूफ हैं। क्या प्रधानमंत्री के कहने का यही मतलब है?'
If it is Grand Stupid Thought to argue for a cap of the tax rate at 18%, then CEA Dr Arvind Subramaniam and many other economists are stupid. Is that what PM is saying?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 30, 2017
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने आर्थिक सलाहकार की राजस्व तटस्थ दर (आरएनआर) पर रिपोर्ट पढ़ी होती, जिसमें उन्होंने आरएनआर को 15-15.5 फीसदी रखने की सिफारिश की है, तो वह ऐसी बात नहीं कहते।
बता दें कि बुधवार को मोरबी की जनसभा में मोदी ने कहा था, 'कांग्रेस चाहती है कि जरूरी चीजों जैसे नमक पर भी 18 फीसदी कर लगे और पांच करोड़ की गाड़ी पर भी 18 फीसदी कर लगे। वे चाहते हैं कि शराब और महंगे सिगरेट पर 28 फीसदी कर को घटाकर 18 फीसदी कर दिया जाए।'
राहुल गांधी का पीएम मोदी से सवाल, आपके प्रचार अभियान का बोझ गुजराती क्यों उठाए?
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें