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केंद्र सरकार ने पुनर्विचार के लिए SC को जस्टिस जोसेफ की फाइल लौटाई, इंदु मल्होत्रा होंगी जस्टिस

सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाए जाने को लेकर की गई कॉलेजियम की सिफारिश को वापस लौटा दिया है।

Updated on: 27 Apr 2018, 12:32 PM

highlights

  • सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ को SC का जस्टिस बनाए जाने को लेकर की गई कॉलेजियम की सिफारिश को वापल लौटा दिया है
  • कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पत्र लिखकर जस्टिस जोसेफ के नाम पर कॉलेजियम में फिर से विचार करने की अपील की है

नई दिल्ली:

सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाए जाने को लेकर की गई कॉलेजियम की सिफारिश को वापस लौटा दिया है।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को पत्र लिखकर जस्टिस जोसेफ के नाम पर कॉलेजियम में फिर से विचार करने की अपील की है।

केंद्र सरकार के इस फैसले से न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच तनाव और टकराव बढ़ सकता है। इसके साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा को आज सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त कर दिया गया। 

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र को 10 जनवरी को भेजे प्रस्ताव में जस्टिस जोसेफ और इन्दु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किए जाने की सिफारिश की थी।

गौरतलब है कि जस्टिस जोसेफ की अध्यक्षता वाली उत्तराखंड हाई कोर्ट की पीठ ने ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की अधिसूचना रद्द कर हरीश रावत की सरकार को बहाल कर दिया था।

जोसेफ की नियुक्ति लटकाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने प्रतिक्रिया दी है।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रमुख विकास सिंह ने कहा, 'इंदु मल्होत्रा एक अच्छी वकील हैं और वह एक बेहतर जज साबित होंगी। मुझे सरकार के रवैये से परेशानी है। ऐसी कोई वजह नहीं है कि जस्टिस केएम जोसफ के नाम पर मुहर नहीं लगाई जाए।'

उन्होंने कहा, 'एक की नियुक्ति हुई और दूसरे की नहीं। सरकार न्यायपालिका के काम में हस्तक्षेप कर रही है। यह एक गंभीर मामला है औक सरकार के साथ इस मुद्दे को मजबूत तरीके से उठाया जाना चाहिये।'

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