logo-image

केंद्र सरकार असम में वोट की राजनीति कर रही: ममता

अधिकारियों के अनुसार, असम के 2,89,83,677 लोगों के नाम वाले एनआरसी का पहला पूरा मसौदा सोमवार का प्रकाशित हुआ और कागजात में त्रुटियों के चलते 40,07,707 लोगों को छोड़ दिया गया है।

Updated on: 30 Jul 2018, 08:33 PM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मसौदे को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार वोट की राजनीति कर रही है।

अधिकारियों के अनुसार, असम के 2,89,83,677 लोगों के नाम वाले एनआरसी का पहला पूरा मसौदा सोमवार का प्रकाशित हुआ और कागजात में त्रुटियों के चलते 40,07,707 लोगों को छोड़ दिया गया है।

बनर्जी का आरोप है कि जिनलोगों के पास आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज थे, उनको भी छोड़ दिया गया, क्योंकि अधिकारी उन कागजात से संतुष्ट नहीं थे।

उन्होंने आशंका जताई कि बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में इसे लेकर समस्या पैदा हो सकती है, क्योंकि असम से इनकी सीमा लगती है।

बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोगों को जबरदस्ती बेदखल करने की कोशिश कर रही है।

बनर्जी ने कहा, '40 लाख लोगों को छोड़ दिया गया है, जिनमें हिंदू और मुस्लिम शामिल हैं। उनके इंटरनेट समेत संपर्क के सभी साधन काट दिए गए हैं। हम उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। क्या यह उनको भयभीत करने की कोशिश है? हमें संदेह है।'

ममता बनर्जी प्रदेश सचिवालय नबन्ना में संवाददाताओं से बात कर रही थी। उन्होंने कहा, 'यह लोगों को जबदस्ती बेदखल करने की कोशिश है, जो वोट की राजनीति है।'

उन्होंने कहा, 'असम की सरकार और केंद्र सरकार ने उनको शरणार्थी बना दिया है। अनेक लोगों ने अपने कागजात जमा किए। फिर भी उनपर विचार नहीं किया गया, जबकि कुछ लोग वहां 50 साल से अधिक समय से निवास कर रहे हैं।'

ममता बनर्जी कई बैठकों के सिलसिले में दिल्ली जा रही हैं। वह गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का वक्त मांगेगी।

उन्होंने कहा, 'मैं केंद्र सरकार और गृहमंत्री से वहां राजनीति नहीं करने और मानवता के आधार पर विचार करने की अपील करती हूं। केंद्र सरकार उनकी रक्षा के लिए संसद में संशोधन व विधेयक ला सकती है।'

ममता ने कहा, 'छोड़े गए लोग रोहिंग्या नहीं हैं। वे सभी भारतीय हैं।'

और पढ़ें- आपराधिक कानून (संशोधन) बिल 2018 लोसकभा में पारित, क्या है यह...