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SC में मोदी सरकार ने कहा, दिल्ली को राज्य की तरह नहीं मिल सकते अधिकार

दिल्ली में राज्य सरकार के अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में केंद्र सरकार ने आज अपना पक्ष रखा।

Updated on: 21 Nov 2017, 11:57 PM

highlights

  • दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने रखा पक्ष
  • केंद्र सरकार ने कहा, दिल्ली को राज्यों की तरह नहीं मिल सकते अधिकार

नई दिल्ली:

दिल्ली में राज्य सरकार के अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में केंद्र सरकार ने आज अपना पक्ष रखा। 

बहस के आखिरी दिन मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है इसलिए आम आदमी पार्टी की सरकार को एक राज्य की तरह अधिकार नहीं दिया जा सकता।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।

केंद्र की तरफ से एडीशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने बहस के दौरान सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, 'संविधान में यह साफ है कि दिल्ली एक केंद्र शासित क्षेत्र है। इसे राज्य की तरह नहीं देखा जा सकता।'

दिल्ली को अलग से कार्यपालिका की शक्ति नहीं दी गई है। राष्ट्रपति के प्रतिनिधि उप-राज्यपाल की भूमिका यहां सबसे अहम है।' मनिंदर सिंह ने कहा, 'ऐसा सोचना गलत है कि दिल्ली में केंद्र के पास सिर्फ जिम्मेदारियां हैं, अधिकार नहीं।'

दिल्ली और पुडुचेरी में विधानसभा है, जो राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा लेती है। लेकिन यहां मंत्रिमंडल के निर्णय ही नहीं, उसकी चर्चा के एजेंडे की भी जानकारी एलजी को दिया जाना है।'

केंद्र सरकार के वकील ने कहा, 'दिल्ली में पहले से स्थानीय लोकतंत्र है। लोगों की रोज़मर्रा की ज़रूरतों का ध्यान रखने के लिए पार्षद चुने जाते हैं।'

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उन्होंने कहा, 'यह गलत छवि बनाई जा रही है कि दिल्ली सरकार को एलजी काम नहीं करने दे रहे। पिछले 3 साल में आई 600 से ज़्यादा फाइलों में से एलजी ने सिर्फ 3 को राष्ट्रपति के पास भेजा, वह भी इसलिए क्योंकि वह पुलिस से जुड़ी थीं और पुलिस केंद्र सरकार के तहत हैं। बाकी फाइलों का निपटारा एलजी सचिवालय में ही हो गया।'

गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार आए दिन उप-राज्यपाल के जरिए केंद्र सरकार पर काम में दखलंदाजी और काम नहीं करने देने का आरोप लगाती रही है। इस मामले को लेकर केजरीवाल सरकार हाई कोर्ट में जा चुकी है।

हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार की याचिका पर कहा था कि चूकि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है इसलिए निर्णय लेने का ज्यादा अधिकार उप-राज्यपाल के पास है। इसी के बाद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और कई याचिकाएं दायर की थी।

केजरीवाल सरकार कई बार दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अधीन करने की मांग कर चुकी है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उप-राज्यपाल अनिल बैजल के बीच आए दिन फाइलों को लेकर तनातनी की खबरें आती रहती है।

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