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केंद्र सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की नई योजना को दी मंजूरी, राज्यसभा में दी जानकारी

देश में ग्रामीण महिलाओं को समुदाय भागीदारी के जरिए सशक्त बनाने के लिए एक नई योजना को मोदी सरकार ने मंजूरी दी है। इसकी जानकारी आज यानी गुरुवार को राज्यसभा में दी गई।

Updated on: 26 Jul 2018, 10:30 PM

नई दिल्ली:

देश में ग्रामीण महिलाओं को समुदाय भागीदारी के जरिए सशक्त बनाने के लिए एक नई योजना को मोदी सरकार ने मंजूरी दी है। इसकी जानकारी आज यानी गुरुवार को राज्यसभा में दी गई।

केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया, 'महिला शक्ति केंद्र योजना को लागू करने की लागत (2017-18 से 2019-20 तक) केंद्र और राज्य दोनों में मिलकर संभालेंगे। इसका अनुपात 60:40 का होगा। यानी 60 प्रतिशत रकम केंद्र सरकार का होगा, वहीं 40 प्रतिशत लागत राज्य सरकार वहन करेगी।'

जबकि नॉर्थ ईस्ट और विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त कर चुके राज्य के लिए लागत अनुपात अलग होगा। यह अनुपात 90:10 होगा। यानी 90 फीसदी केंद्र और महज 10 फीसदी रकम राज्य सरकार देगी।

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इस योजना में महिलाओं संबंधित मुद्दों पर राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर काम करने की परिकल्पना की गई है। 115 सबसे पिछड़े जिलों में ब्लॉक स्तर पर महिला शक्ति केंद्र की स्थापना की जाएगी। जिसमें कॉलेज छात्र स्वयंसेवकों काम करेंगे।

छात्र स्वयंसेवक विभिन्न महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने में एक अहम भूमिका निभाएंगे।

इसके साथ ही महिला और बाल विकास राज्य मंत्री ने बताया, 'महिलाओं के लिए जिला स्तरीय केंद्र (डीएलसीडब्लू) पर भी 640 जिलों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया गया है।
ये केन्द्र गांव, ब्लॉक और राज्य स्तर के बीच महिलाओं के केंद्रित योजनाओं को सुविधाजनक बनाने का काम करेगी।

इसके साथ ही जिला स्तर पर बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओं (बीबीबीपी) योजना को आगे बढ़ाने भी भूमिका निभाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में महिलाओं की देखभाल, संरक्षण और विकास में वृद्धि करना है।

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