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रक्षा मंत्रालय ने शुरू किया 'डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज', स्टार्टअप कंपनियों को दिया यह चैलेंज

उन्होंने स्टार्टअप्स आइडिया को बाजार मुहैया कराने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि उन्हें भारत में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए मानवरहित मिसाइल ड्रोन बनाने चाहिए।

Updated on: 05 Aug 2018, 11:19 AM

नई दिल्ली:

केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए शनिवार को बेंगलुरू में 'डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चेलैंज' की शुरुआत की है। इस दौरान उन्होंने स्टार्टअप्स आइडिया को बाजार मुहैया कराने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि उन्हें भारत में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए मानवरहित मिसाइल ड्रोन बनाने चाहिए।  

उन्होंने इस विषय पर विशेष जानकारी देते हुए कहा, 'आज मिसाइल वाला मानवरहित ड्रोन कई देशों के लिए ईर्ष्या का कारण बना हुआ है। मुझे हमेशा यह लगता है कि हम भी इसके उत्पादन से ज़्यादा दूर नहीं हैं।'

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सीतारमण ने मानवरहित मिसाइल ड्रोन को लेकर लोगों के बीच फैली भ्रांतियों को साफ करते हुए कहा, 'अगर हम रिमोट कंट्रोल से हमारे टारगेट को ख़त्म करने लगे तो इससे हमारे प्रशक्षित लोगों की कुशलता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।'

साइबर और स्पेस युद्ध की दिशा में काम पर जोर देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'अगर इन दोनों क्षेत्रों को असुरक्षित छोड़ दिया गया तो कुशल मैनपावर के बावजूद सब व्यर्थ हो जाएगा।'

उन्होंने डिफेंस इंडिया स्टार्टअप से साइबर और स्पेस वार के क्षेत्रों में बेहतर समाधान निकालने की दिशा में काम करने को कहा है।

स्टार्टअप की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, 'रक्षा मंत्रालय स्टार्ट अप से आ रहे आइडिया और प्रोटोटाइप को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।'

आगे उन्होंने स्टार्टअप आइडिया को बढ़ावा देते हुए कहा, 'हमारे पास आने वाले किसी भी स्टार्टअप या आइडिया को हम ख़ारिज़ नहीं करेंगे। आप किसी भी तरह के विचार, प्रस्ताव, आइडिया हमारे पास ला सकते हैं। स्टार्टअप के लिए सभी रास्ते खुले हैं।'

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सीतारमण ने आगे कहा कि पूरा रक्षा मंत्रालय चाहता है कि, 'आप जल्दी से जल्दी अपने आइडिया हम तक पहुंचाए और उनके ट्रायल दें। हम इसमें किसी भी तरह की देरी नहीं चाहते हैं।'