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दिल्ली के दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस इलाके में तीन महीने तक कारों और बसों की आवाजाही पर रोक

केंद्र सरकार ने कनॉट प्लेस इलाके में अगले तीन महीने तक कारों और बसों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी है।

Updated on: 05 Jan 2017, 10:12 PM

नई दिल्ली:

अगर आप दिल्ली में रहते हैं और ऑफिस या कहीं और जाने के लिए दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस का इस्तेमाल करते हैं तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

केंद्र सरकार ने कनॉट प्लेस इलाके में अगले तीन महीने तक कारों और बसों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी है। ये रोक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाई गई है। दिल्ली स्मार्ट सिटी परियोजना को इस महीने सरकार लॉन्च कर रही है।

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत कनॉट प्लेस सर्किल के इनर और आउटर हिस्से में कार और बसों के परिचालन पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है।

दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके को 1933 में एक अंग्रेज आर्किटेक्ट इडविन लुटयंस ने डिजाइन किया था। इसी के नाम पर कनॉट प्लेस के एक इलाके का नाम लुटयंस जोन भी रखा गया है।

हालांकि साइकिल और बैट्री से चलने वाली गाड़ियों को इस प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक शिवाजी स्टेडियम, बाबा खड़ग सिंह मार्ग और पालिका बाजार की पार्किग में कुल 3172 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था है लेकिन अभी औसतन एक हजार 88 कारों की ही पार्किंग होती है।

पाबंदी लगाए जाने को लेकर शहरी विकास मंत्रालय ने कहा है कि कनॉट प्लेस इलाके में पैदल चलने वालों की संख्या, ट्रैफिक मैनेजमेंट, पार्गिंक की सुचारू व्यवस्था, पैदल चलने वालों की सुविधा की जांच के लिए तीन महीने तक बस और कारों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है।

शहरी विकास मंत्रालय की बैठक में दिल्ली को स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर कनॉट प्लेस इलाके में जमीन के अंदर निर्माण, पानी की सुविधा, लोगो के घूमने के लिए वॉक कैफे, पब्लिक प्लाजा, लाइट एण्ड साउंड शो की व्यवस्था समेत की मुद्दों पर बातचीत हुई है जिसके बाद बस और कारों पर पाबंदी लगाई गई है।

बैठक के बाद वेंकैया नायडू ने कहा कि कनॉट प्लेस इलाके में बस और कार पर बैन लगाने का मतलब है इस इलाके में लोगों को भीड़भाड़ से मुक्त, दुर्घटना से मुक्त और अपराध से मुक्त अनुभव कराना है।