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CAG रिपोर्ट का खुलासा, 1.2 लाख करोड़ रुपये राजस्व मुकदमेबाजी में फंसे

सरकार न्यायपालिका के विभिन्न स्तरों और अन्य अभियोजन प्राधिकरणों में लंबित अपीलों की वजह से 1.2 लाख करोड़ रुपये के संभावित राजस्व वसूली में नाकाम रही है।

Updated on: 20 Dec 2017, 09:45 AM

नई दिल्ली:

सरकार न्यायपालिका के विभिन्न स्तरों और अन्य अभियोजन प्राधिकरणों में लंबित अपीलों की वजह से 1.2 लाख करोड़ रुपये के संभावित राजस्व वसूली में नाकाम रही है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने मंगलवार को यह खुलासा किया है।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, 'अपील लंबित रहने के कारण भारी मात्रा में राजस्व की वसूली नहीं हो पाई। कुल 1,22,008 करोड़ रुपये की राजस्व की रकम विभिन्न अदालतों में अपील में फंसी है। वित्त वर्ष 2017 के अंत तक यह फंसी हुई रकम वित्त वर्ष 2016 के अंत तक फंसी रकम से 26 फीसदी अधिक है।'

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2015-16 में कुल 45,500 अपीलों में 96,823 करोड़ रुपये की रकम फंसी थी, जो वित्त वर्ष 2016-17 में बढ़कर 50,849 अपीलों में 1,22,008 करोड़ रुपये की रकम हो गई।

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इनमें से 8,147 अपीलें सर्वोच्च न्यायालय में, 12,450 अपीलें उच्च न्यायालयों में, 189 निपटान आयोग में तथा 94,327 अपील सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय ट्रिब्यूनल (सीईएसटीएटी) में लंबित है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है, 'और जब तक यह अपील लंबित है, तब तक राजस्व की वसूली के लिए कोई कदम उठाया नहीं जा सकता। अगर इन लंबित अपीलों का जल्दी समाधान होता है तो सरकार को 1,22,008 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।'

इस रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी विभागों की अपील के मामलों में सफलता की दर वित्त वर्ष 2016 में 25.53 फीसदी थी, जो वित्त वर्ष 2017 में घटकर 20.61 फीसदी रह गई है।

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