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'ढ़ाई मोर्चा' तो दूर एक लड़ाई लड़ने में छूट जाएंगे पसीने, CAG रिपोर्ट ने युद्ध की तैयारी पर उठाए गंभीर सवाल

इसी बीच सीएजी की रिपोर्ट ने भारतीय सेना की संभावित युद्ध को लेकर तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है।

Updated on: 22 Jul 2017, 10:11 AM

highlights

  • युद्ध के लिए भारतीय सेना को तैयार होने में लगेंगे दो साल, रिपोर्ट में दावा
  • अभी भारतीय सेना के पास युद्ध लड़ने के लिए सिर्फ 10 दिन का ही गोला-बारूद मौजूद

नई दिल्ली:

चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव को लेकर भारतीय सेना प्रमुख ने कहा था कि वह एक साथ 'ढ़ाई मोर्चे' पर लड़ाई के लिए तैयार हैं। लेकिन 'ढ़ाई मोर्चा' तो दूर, किसी एक संभावित लड़ाई की स्थिति सेना के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है।

सीएजी की रिपोर्ट ने भारतीय सेना की संभावित युद्ध को लेकर तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। सीएजी के रिपोर्ट के मुताबिक अगर अभी जंग छिड़ जाए तो सेना के पास सिर्फ 10 दिनों तक लड़ने के लिए ही गोला और बारूद हैं, जबकि नियम के मुताबिक सेना के पास 40 दिनों तक युद्ध के लिए गोला बारूद रिजर्व रहना चाहिए

अब सवाल उठता है कि ऐसे में भारतीय सेना चीन जैसे देश का मुकाबला किसी भी परिस्थिति में कैसे कर पाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक 15 लाख जवानों की संख्या वाले भारतीय फौज को पूरी तरह युद्ध लड़ने के लायक बनाने में अभी दो साल लगेंगे। गौरतलब है कि पिछले एक महीने से अधिक समय से भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।

बीते 10 महीने में सेना के साजो-सामान और हथियारों की जो डील केंद्र सरकार ने की है उसके तहत नए हथियार मिलने में अभी करीब 10 महीने का वक्त लगेगा।

अत्याधुनिक हथियारों की ऐसी ही जरूरत भारतीय नौसेना और वायुसेना को भी है। वायुसेना के ज्यादातर लड़ाकू विमान काफी पुराने हो चुके हैं।

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गौरतलब है कि भारतीय सेना पाकिस्तान के 778 किमी लंबे लाइऩ ऑफ कंट्रोल (एलओसी) तो वहीं चीन के साथ 4 हजार 57 किलोमीटर लंबे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलओसी) पर 24 घंटे तैनात रहती है जहां दोनों ही देशों से ज्यादातर समय तनातनी बनी रहती है।

साल 2013 के रोडमैप के अनुसार केंद्र सरकार 2019 तक हथियारों और गोला-बारूद की कमी को पूरा करने का दावा किया था। 2013 में जहां 10 दिन की अवधि के लिए 170 के मुकाबले 85 गोला बारूद (करीब 50 फीसदी) उपलब्ध थे वहीं वर्तमान में 152 के मुकाबले 61 ( 40 फीसदी) ही उपलब्ध हैं।

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