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मॉब लिंचिंग की घटनाओं के लिए बीजेपी जिम्मेदार, राजनाथ जी निंदा करने के बजाय अपने नेताओं को करें नियंत्रित: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) की घटनाओं के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को जिम्मेदार ठहराया है।

Updated on: 23 Jul 2018, 11:46 PM

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) की घटनाओं के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को जिम्मेदार ठहराया है।

ममता बनर्जी ने कहा कि सिर्फ निंदा करने के अलावा बीजेपी को अपने नेताओं पर नियंत्रण करना चाहिए।

ममता ने कहा, 'राजनाथ सिंह ने संसद में इन घटनाओं की निंदा की। लेकिन निंदा करने के बजाय वे ऊपर से लेकर निचले स्तर तक अपने नेताओं को नियंत्रण में नहीं ला रहे हैं। यह तुरंत रोकनी चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ उनके घृणास्पद प्रचार के कारण हो रहा है जिससे लिंचिंग की घटनाओं में इतनी जानें गई हैं। परोपकार घर से ही शुरू होता है।'

ममता बनर्जी ने कहा, 'वे गायों को 'गौ माता' कहते हैं लेकिन उन्हें देखना होगा कि लिंचिंग के नाम पर मारना कहां का न्याय है। हिंदू तालिबान के नाम पर कुछ कट्टरपंथी धार्मिक संगठन कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं और घृणा का प्रचार कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'हम आम आदमी से अपील करते हैं। हम एक गंभीर समय से गुजर रहे हैं। कई जानें जा चुकी हैं। यह तुरंत रोका जाना चाहिए।'

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में अगर कोई इन घटनाओं में संलिप्त पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ममता बनर्जी का यह बयान हाल में राजस्थान के अलवर में गो तस्करी के संदेह में एक युवक की हत्या के बाद आया है। अलवर मामले के बाद केंद्र सरकार के ऊपर विपक्षी पार्टियां चौतरफा आरोप लगा रही हैं।

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट्स में पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने में देरी की खबर सामने आने के बाद सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यह मोदी का क्रूर 'न्यू इंडिया' है।

राहुल ने ट्वीट कर लिखा था, 'अलवर के पुलिसकर्मियों को भीड़ की हिंसा का शिकार हुए और मर रहे रकबर खान को मात्र छह किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाने में तीन घंटे का समय लग गया। क्यों? वे लोग रास्ते में चाय पीने के लिए रुके। यह मोदी का क्रूर 'न्यू इंडिया' है। जहां नफरत ने मानवता का स्थान ले लिया है और लोगों को पीटा जा रहा है और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है।'

बता दें कि चौतरफा आलोचना और सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को दो उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है जो मॉब लिंचिंग की घटनाओं से निपटने और कानूनी ढांचा तैयार करने पर सुझाव देगी।

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