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राजस्थान सरकार के अध्यादेश के खिलाफ हाई कोर्ट में PIL, बीजेपी में भी उठे विरोध के सुर

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के भ्रष्टाचार के मामले की जांच से पहले सरकार की अनिवार्य अनुमति लेने के अध्यादेश पर बीजेपी में विरोध की आवाज सुनाई देने लगी है।

Updated on: 23 Oct 2017, 05:31 PM

highlights

  • राजस्थान सरकार विधान सभा में पेश कर चुकी है अध्यादेश, कानून बनाने की तैयारी
  • कांग्रेस जता रही है विरोध, बीजेपी के एन रजवी ने कहा- ऐसा अध्यादेश नहीं होना चाहिए

नई दिल्ली:

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के भ्रष्टाचार के मामले की जांच से पहले सरकार की अनिवार्य अनुमति लेने के अध्यादेश पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अंदर ही विरोध की आवाज सुनाई देने लगी है।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक एन रजवी ने कहा है कि ऐसे अध्यादेश नहीं लाए जाने चाहिए और वह इस मुद्दे को आज होने वाले बैठक में उठाएंगे। एन रजवी ने कहा, 'ऐसे अध्यादेश नहीं लाने चाहिेए। मैं आज इस विषय को बैठक में रखूंगा।'

इस बीच कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के बाहर इस अध्यदेश के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने जयपुर में विधानसभा के बाहर वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अध्यादेश को लोकतंत्र की हत्या बताया।

कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि सरकार अपना भ्रष्टाचार छिपाना चाहती है और पार्टी इस संबंध में राष्ट्रपति के पास जाएंगी।

हाई कोर्ट पहुंचा मामला

इस बीच सीनियर वकील एके जैन ने हाईकोर्ट में 'दंड विधियां (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश, 2017' के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर दी है।

बता दें कि वसुंधरा राजे सरकार की ओर से लाए गए इस अध्यादेश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जजों, अफसरों और लोक सेवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करा सकेगा और न ही रिपोर्टिंग की जा सकेगी।

यही नहीं, मजिस्ट्रेट बिना सरकार की इजाजत के न तो जांच का आदेश दे सकेंगे न ही प्राथमिकी का दर्ज कराने का आदेश दे सकेंगे। ऐसा करने से पहले राज्य सरकार से मंजूरी लेनी होगी।

वहीं, इस सबके बीच राज्य विधानसभा में यह बिल पेश किया गया। इसके कुछ देर बाद ही सत्र कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। 

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