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15 जुलाई को वाराणसी जाएंगे पीएम मोदी, कई योजनाओं की करेंगे शुरुआत, जानिए क्योें ख़ास है यह दौरा...

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी पीएम मोदी के दौरे से पहले चल रही तैयारियों का जाएज़ा लेने शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे।

Updated on: 30 Jun 2018, 01:59 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जुलाई को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान पीएम मोदी काशी की जनता को कुछ नई योजनाओं की सौगात देने जा रहे हैं।

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी पीएम मोदी के दौरे से पहले चल रही तैयारियों का जाएज़ा लेने शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। सीएम योगी ने वाराणसी सर्किट हॉउस में पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों के संग बैठक की और प्रधानमंत्री के आगामी दो दिवसीय दौरे को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया।

सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी 14 जुलाई की शाम ही वाराणसी पहुंच जाएंगे।

15 जूलाई को पीएम मोदी काशी की जनता के लिए नई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी करेंगे, साथ ही वहां की जनता को भी संबोधित करेंगे।

2019 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की घेराबंदी के लिए तैयार हो रही विपक्ष पर हमला करने के नज़रिए से पीएम का यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

गौरतलब है कि हाल के दिनों में काशी के गंगा घाट की ख़राब हालत, विकास के नाम पर पुराने धरोहरों और मंदिर को तोड़े जाने, गंगा में पानी का हर रोज़ कम होता स्तर और पीने के पानी की समस्या को लेकर वाराणसी के लोग और संत समाज काफी नाराज़ है।

ऐसे में पीएम मोदी के सामने इस दौरे पर न केवल वहां की जनता बल्कि राजनीतिक विरोधियों को भी साधने की चुनौती होगी।   

विपक्ष पर पीएम मोदी के तीखे तेवर का अंदाज़ा गुरुवार को कबीर के निर्वाण स्थल मगहर पहुंचने के बाद की जनसभा से भी लगाया जा सकता है। जहां पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस और उनके सहयोगियों पर सत्ता पाने के लिए एकजुट होने का आरोप लगाया।

पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'यह दुर्भाग्य है कि देश पर आपातकाल थोपने वाले और उस समय उसका विरोध करने वाले एकसाथ खड़े हैं। यह सब सत्ता पाने के लिए हो रहे हैं।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संत कबीर दास की महापरिनिर्वाण स्थल मगहर से एक साथ विरोधियों पर कई वार किए। उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) पर कई आरोप लगाए।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'समाजवाद और बहुजन की बातें करने वालों का हम लालच देख रहे हैं। दो दिन पहले ही देश में आपातकाल के 43 साल हुए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने और उसका विरोध करने वाले आज कंधे से कंधा मिलाकर कुर्सी लेने की फिराकमें घूम रहे हैं।'

मोदी ने आरोप लगाया कि ये लोग देश और समाज नहीं बल्कि अपने परिवार को लेकर चिंतित हैं। गरीब, वंचित, शोषित को धोखा देकर अपने लिए करोड़ों का बंगला बनाने वाले लोग हैं।

मोदी ने कहा कि कई महापुरुषों के नाम पर राजनीतिक धारा बनाई जा रही है जिससे देश को तोड़ने का काम किया जा रहा है। कुछ राजनीतिक दल अशांति का माहौल बनाने में लगे हुए हैं। क्योंकि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं।

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प्रधानमंत्री ने कबीर की समाधि स्थल पर चादर चढ़ाई और अंतर्राष्ट्रीय शोध संस्थान की आधारशिला रखी। इस मौके पर योगी सरकार की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा, 'पहले यूपी की सरकार को अपने बंगलों से प्यार था। जब से योगीजी की सरकार आई उसके बाद यूपी में गरीबों के लिए रिकॉर्ड घरों का निर्माण किया जा रहा है।'

मोदी ने कहा कबीर ने कहा था आदर्श शासक वही है जो जनता की पीड़ा दूर कर सके। अफसोस आज कई परिवार खुद को जनता का भाग्य विधाता बनाकर संत कबीर की बातों को भुलाने में लगे हैं।

तीन तलाक के मामले को लेकर विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि मुस्लिमों के बहाने तीन तलाक को हटाने की लगातार मांग कर रही हैं। लेकिन यह राजनीतिक लोग, सत्ता का खेल खेलने वाले इममें रोड़े अटका रहे है। अपनी लाभ के लिए सामाजिक बुराइयों को खत्म नहीं करना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर ने कहा था कि आदर्श शासक वही है जो जनता की पीड़ा दूर कर सके। अफसोस आज कई परिवार खुद को जनता का भाग्य-विधाता बनाकर संत कबीर की बातों को भुलाने में लगे हैं।

उन्होंने कहा कि गरीबी हटाने के नाम पर वो गरीबों को वोट बैंक की सियासत के तौर पर प्रयोग करते रहे। हमारी सरकार गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित महिलाओं को, नौजवानों को सशक्त करने का काम कर रही है। जनधन योजना के तहत पांच करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले।

मोदी ने कहा, 'महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिया गया। एक करोड़ 70 लाख लोगों को एक रुपए में आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य सेवा दी गई। गरीब के विकास को सरकार ने अपनी प्रथामिकता बनाया है।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम मगहर को तेज विकसित करने का काम हम करने जा रहे हैं। संत कबीर के वचनों को ढालकर न्यू इंडिया बनाया जाएगा।

इससे पहले उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में हर क्षेत्र के विकास का विश्वास जगा है। आज हर गरीब को सिर ढकने के लिए आवास देने का काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता को बढ़ावा देते हुए एक साल के अंदर प्रदेश में 72 लाख से भी ज्यादा शौचालय का निर्माण किया गया है।

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अखिलेश ने पीएम मोदी को कबीर से सीख लेने की दी नसीहत

जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने पीएम मोही पर हमलावर अंदाज़ में जवाब देते हुए कहा, 'बड़े दुख और क्षोभ की बात है कि बीजेपी-संघ नेतृत्व अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन के लिए महापुरुषों का इस्तेमाल करने में भी संकोच नहीं कर रहा है। पीएम मोदी यदि संत कबीर दास को पढ़ लेते तो नफरत की राजनीति से तौबा कर लेते, भेदभाव का रास्ता नहीं अपनाते और देश में असहिष्णुता और लोगों में दहशत नहीं होती।'

मगहर की जनसभा में मोदी के एसपी पर कटाक्ष करने पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने कहा, 'कितने अफसोस की बात है कि संत कबीर के निर्वाण दिवस और 620वें प्राकट्य दिवस पर प्रधानमंत्री उन्हें श्रद्धांजलि देने के नाम पर विपक्ष और मूलत: समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते रहे। अच्छा होता वे (मोदी) कबीरदास जी के दर्शन से प्रेरणा लेते, अपनी आत्मशुद्धि करते और नफरत की राजनीति से तौबा करते।'

उन्होंने कहा कि जाति-धर्म से ऊपर उठकर अंधविश्वासों पर गहरी चोट करने वाले संत कबीर ने अपने समय की तमाम कुरीतियों पर चोट की थी। उनके लिए हिंदू-तुर्क एक समान थे। अगर पीएम मोदी कबीर को पढ़ लेते तो भेदभाव का रास्ता नहीं अपनाते। तब देश में असहिष्णुता और समाज के एक बड़े वर्ग में दहशत नहीं होती। लेकिन लगता है बीजेपी को लोकतंत्र से परहेज है और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने की आदत है।

अखिलेश ने कहा कि बीजेपी की संपूर्ण राजनीति और नीति-कार्यक्रम सब सत्ता के इर्द-गिर्द घूमते हैं। सन् 2019 में केंद्र में अपनी सत्ता की वापसी के लिए बीजेपी-संघ कुछ भी करने को तैयार हैं। इसी कड़ी में बीजेपी और पीएम मोदी ने संत कबीरदास के 500वें निर्वाण दिवस पर मगहर में उनके बहाने देशभर में फैले कबीर के करोड़ों अनुयायियों को अपना वोट बैंक बनाने की कोशिश की और इसी बहाने बुनकरों तथा अति पिछड़ों का समर्थन जुटाने का 'भोंडा' प्रयास किया है।

लोकसभा चुनाव नजदीक आने पर पीएम मोदी को कबीर की याद आई: मायावती

वहीं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने संत कबीर नगर (मगहर) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 'संत कबीर अकादमी' का शिलान्यास किए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि लोकसभा का चुनाव नजदीक आ चुका है तो मोदी संत कबीर की याद आ रही है। यह वोट बैंक की उनकी स्वार्थी राजनीति नहीं तो और क्या है?

बीएसपी प्रमुख ने कहा कि मोदी का यह शिलान्यास कार्यक्रम प्रदेश के पूर्वांचल की जनता के साथ छलावा व उनकी आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है। पूर्वांचल क्षेत्र के विकास की  प्यासी व भूखी करोड़ों गरीब जनता से किए उन बड़े-बड़े लोक-लुभावन वादों व उनके अच्छे दिन लाने के सपनों का क्या हुआ जो मोदी ने पिछले चुनाव के समय किए थे।  

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