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मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप मामले को लेकर विपक्ष ने किया बिहार बंद

विपक्ष मांग कर रहा है कि बालिकागृह की लड़कियों के साथ रेप का ममाल शर्मनाक हैै इसलिए नीतीश कुमार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।

Updated on: 02 Aug 2018, 11:10 AM

नई दिल्ली:

बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिकागृह की लड़कियों के साथ रेप के मामले को लेकर गुरुवार को राज्य में बंद का आयोजन किया गया है।

वाम दल की अगुवाई में बुलाए गए इस बंद को राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस पार्टी ने भी समर्थन दिया है। बंद के समर्थन में पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'नीतीश कुमार द्वारा प्रायोजित भयंकर और भीषण गैंग रेप के ख़िलाफ़ वाम दलों द्वारा बुलाए गए बंद का हमारी पार्टी भी समर्थन करती है।'

विपक्ष मांग कर रहा है कि बालिकागृह की लड़कियों के साथ रेप का ममाल शर्मनाक हैै इसलिए नीतीश कुमार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। 

इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब मुंबई की संस्था टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज की टीम ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यौन शोषण का उल्लेख किया।

इसके बाद मुजफ्फरपुर महिला थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जांच के क्रम में यहां की 44 लड़कियों में से 42 लड़कियों की चिकित्सकीय जांच करवाई गई थी जिसमें 29 लड़कियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई है। दो लड़कियों के अस्वस्थ्य होने के कारण जांच नहीं हो पाई थी।

मुजफ्फरपुर बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 10 आरोपियों किरण कुमारी, मंजू देवी, इंदू कुमारी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, विकास कुमार एवं रवि कुमार रौशन को गिरफ्तार किया जा चुका है। एक अन्य फरार आरोपी दिलीप कुमार वर्मा की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

बता दें कि मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में यौन शोषण मामले में किरकिरी होने के बाद बिहार सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का फैसला लिया है।

सीएम नीतीश ने वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया। इस बीच विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने निष्पक्ष जांच की बात कहते हुए सीएम से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की है।

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एक आधिकरिक बयान में कहा गया है, 'मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले की जांच पुलिस मुस्तैदी से कर रही है। सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन एक भ्रम का वातावरण बनाया जा रहा है। भ्रम का वातावरण नहीं बने, इसलिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रधान सचिव को तत्काल इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है।'