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सहारनपुर जेल से रिहा हुए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर, बीजेपी पर बोला करारा हमला

सहारनपुर में 9 मई को हुई जातीय हिंसा में आठ स्थानों पर भीम आर्मी के सदस्यों ने उत्पात मचाते हुए कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी.

Updated on: 14 Sep 2018, 10:40 AM

नई दिल्ली:

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को सहारनपुर की जेल से देर रात गुरूवार को रिहा कर दिया गया. बीते साल सहारनपुर में जातीय दंगा फैलाने के लिये चंद्रशेखर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल भेजा गया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने चंद्रशेखर को बुधवार को जेल से रिहा करने के आदेश दिये थे. जेल से रिहा होते ही चंद्रशेखर ने सभा को संबोधित किया, जहां बीजेपी पर उन्होंने करारा हमला बोला. रावण ने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हारना है. सामाजिक हित में पार्टियों को गठबंधन करने जरूरत है. बीजेपी को सत्ता में तो क्या विपक्ष में भी जगह नहीं मिलेगी.

रावण के रिहाई के दौरान भारी संख्या में उनके समर्थक जेल के बाहर जमा रहे. चंद्रशेखर को भारी सुरक्षा के बीच जेल से 15 महीने बाद रिहा किया गया। बता दें कि बहुत से राजनीतिक दल लगातार रावण की रिहाई की मांग कर रहे थे.

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने चंद्रशेखर को समय से पहले रिहा करने का फैसला उनकी मां के आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए लिया. उन्हें इस साल 1 नवंबर को रिहा किया जाना था, लेकिन उन्हें गुरुवार को ही रिहा कर दिया गया. चंद्रशेखर के साथ उनके दो साथियों नाथीराम और रामदास को भी रिहा किया गया है. योगी सरकार के इस फैसले को लोकसभा चुनावों से पहले दलितों की नाराजगी दूर करने के दांव के तौर पर देखा जा रहा है.

सहारनपुर में 9 मई, 2017 को हुई जातीय हिंसा में आठ स्थानों पर भीम आर्मी के सदस्यों ने उत्पात मचाते हुए कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी. इस दौरान हुई हिंसा में मुख्य आरोपी चंद्रशेखर को 

सहारपुर में हुई हिंसा का मुख्य आरोपी चंद्रशेखर को उत्तर प्रदेश की स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने पिछले साल 8 जून को हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से गिरफ्तार किया था.

चंद्रशेखर और उसके साथियों पर पुलिस ने 12-12 हजार रुपये का इनाम भी रखा था। मई में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव और आसपास के इलाकों में जातीय हिंसा हुई थी. इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 16 अन्य घायल हुए थे.

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इस मामले में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहारनपुर पहुंचे थे. मायावती ने जातीय हिंसा के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.