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बेटी की फ्रॉक खरीदने के लिए भिखारी ने 2 साल तक बचाए पैसे, Viral हुई ये तस्वीर

इस तस्वीर में एक पिता अपनी बेटी की फोटो खींच रहा है।

Updated on: 08 Apr 2017, 06:11 PM

नई दिल्ली:

हम रोजाना ऐसे लोगों को नजरअंदाज करते हैं, जो हमारे सामने हाथ जोड़कर भीख मांग रहे होते हैं। कभी हम उन्हें उल्टा-सीधा कह देते हैं तो कभी भीख ना मांगकर काम करने का हवाला भी देते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि शारीरिक रूप से असक्षम व्यक्ति भीख क्यों मांगता है...शायद अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए? अगर यही सोच रहे हैं तो आप गलत हैं।

पेट भरने के अलावा अपने परिवार और बच्चों को खुशी देने की वजह भी भीख मांगने का कारण बन जाती है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक तस्वीर यही सच्चाई बयां कर रही है। फोटोग्राफर जीएएमबी आकाश ने एक ऐसे भावुक पल को अपने कैमरे में कैद कर लिया है, जिसे देखकर शायद आपकी आंखें भी नम हो जाएं। लेकिन ऐसा तभी होगा, जब आप इस तस्वीर के पीछे की सच्चाई जानेंगे।

इस तस्वीर में एक पिता अपनी बेटी की फोटो खींच रहा है। उसकी बेटी ने जो पीले रंग का फ्रॉक पहना है, उसे खरीदने के लिए उसके पिता को दो साल तक पैसे जोड़ने लगे। ये पैसे उसने भीख मांग-मांगकर जोड़े हैं। मोहम्मद कौसर हुसैन ने एक हादसे में अपना एक हाथ गंवा दिया था। इसके बाद कई दिनों तक कोई नौकरी नहीं मिलने के बाद उन्हें मजबूर होकर भीख मांगना पड़ा।

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एक दिन वह अपनी बेटी के लिए फ्रॉक खरीदने के लिए दुकान पर गए तो दुकानदार ने उन्हें अपमानित कर बाहर निकाल दिया। यह देखकर वहां मौजूद उसकी बेटी की आंखें भर गई और उसने अपने पिता को वापस चलने को कहा। इस घटना के दो साल बाद अब कौसर अपनी बेटी के लिए फ्रॉक खरीद पाएं हैं। ऐसे में उन्होंने अपने पड़ोसी का फोन मांगा और बेटी की खुशी को कैमरे में कैद कर लिया। लेकिन फोटोग्राफर आकाश ने उन दोनों की खुशी को अपने कैमरे में कैद कर फेसबुक पर पोस्ट कर दिया, जो वायरल हो गया है।

कौसर ने कहा, 'मैंने आज से 10 साल पहले सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन लोगों से भीख मांगना पड़ेगा। मैंने दुकानदार को पांच रुपये के 60 नोट दिए थे, लेकिन वह मेरे ऊपर चिल्लाया और कहा कि मैं भिखारी हूं। मेरी बेटी ने मेरा हाथ पकड़ा और रोते हुए कहा कि मुझे कोई फ्रॉक नहीं चाहिए। हां मैं भिखारी हूं.. एक हादसे के बाद मैं दिव्यांग हो गया। मेरी बेटी मुझसे कहती है कि एक हाथ से काम करना मुश्किल होता है..इसलिए वो मुझे खाना खिलाती है।'

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मोहम्मद कौसर ने आगे कहा, 'मेरी बेटी डरती है कि कहीं मेरे साथ कोई और हादसा ना हो जाए, इसलिए वह सिग्नल पर मेरे साथ ही जाती है। मैं सिग्नल पर भीख मांगता हूं और वह दूर से मुझे खड़े होकर देखती है। मुझे बेटी के सामने भीख मांगने पर बहुत शर्म आती है..लेकिन वो मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ती है। जब कभी बिना पैसों के लौटना पड़ता है तो मर जाने का मन करता है, लेकिन जब मेरे दोनों बच्चे रात में मुझसे लिपट कर सोते हैं तो लगता है कि सब कुछ ठीक है।'

कौसर ने बताया, 'इतनी मुश्किलों के बावजूद मैं अपने दोनों बच्चों को स्कूल भेजता हूं, लेकिन कभी-कभी पैसे ना होने की वजह से पेपर छूट भी जाता है। फिर मैं उनसे कहता हूं कि एग्जाम इसलिए छूट जाता है, क्योंकि हम जिंदगी में रोजाना इससे बड़े एग्जाम देते हैं।'

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