logo-image

जन धन खातों पर संकट: 4 ट्रांजेक्शन पर अकाउंट हो रहे फ्रीज, बैंक खुद से बना रही रेग्युलर अकाउंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगस्त 2014 में शुरू की गई जन धन खाते की योजना पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।

Updated on: 28 May 2018, 10:30 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगस्त 2014 में शुरू की गई जन धन खाते की योजना पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट (बीएसबीडीए) जिसमें प्रधानमंत्री जन धन योजना अकाउंट भी शामिल हैं उनपर अचानक बंद होने या रेग्युलर होने का खतरा है।

दरअसल, जन धन अकाउंट्स से महीने में चार बार फ्री ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं, जिनपर कोई भी बैंक किसी भी तरह का चार्ज नहीं लगा सकता और उसके बाद पैसे निकालने पर चार्ज लगना होता है।

लेकिन रिपोर्ट में सामने आया है कि चार ट्रांजेक्शन पूरे होने पर ऐसे खातों को कई बैंक बंद कर रही हैं। वहीं एचडीएफसी, सिटी जैसे बैंक चार ट्रांजेक्शन पूरे होने पर उन खातों को खुद से ही रेग्युलर अकाउंट में तब्दील कर रहे हैं।

और पढ़ें: निपाह वायरस से केरल में एक और की मौत, अब तक 14 लोगों की गई जान

आपको बता दें कि खाता रेग्युलर होने का नुकसान यह है कि अगर फिर उन अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखा गया तो बाकी ग्राहक की तरह इन खाता धारकों पर भी पेनल्टी लगने लगती है।

इसके अलावा बैंकों ने फ्री ट्रांजैक्शन की परिभाषा को भी पूरी तरह से बदल दिया है। इसमें सिर्फ एटीएम से निकाले गए पैसे ही नहीं बल्कि, आरटीजीएस, एनईएफटी, ब्रांच विदड्रॉल, ईएमआई को भी शामिल किया जा रहा है।

वहीं खाता बंद होने पर अगर किसी ने शुरुआती कुछ दिनों में चार ट्रांजेक्शन पूरी कर ली तो फिर बाकी पैसे निकालने के लिए उसे अगले महीने का इंतजार करना होगा। वहीं खाताधारक ऑनलाइन सामान खरीदने, भीम ऐप से पैसे ट्रांसफर करने या रूपे कार्ड से पैसे देने में असमर्थ हो जाते हैं।

आपको बता दें कि आईआईटी मुंबई की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक खाता बंद कर देते हैं, एचडीएफसी और सिटी बैंक उन्हें रेग्युलर बैंक अकाउंट में बदल देते हैं।

रिपोर्ट के जरिए मांग उठाई गई है कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए बीएसबीडीए अकाउंट्स को अनलिमिटिड इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन करने दी जाएं और बाध्यता सिर्फ पैसे निकालने पर लगें।

और पढ़ेंः पेट्रोल कीमतों में राहत देने के मूड में नहीं मोदी सरकार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में मूल्य घटने का इंतजार