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बाबरी विध्वंस मामला: सुप्रीम कोर्ट का आदेश- आडवाणी, जोशी, उमा के खिलाफ चलेगा आपराधिक साजिश का मुकदमा

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत अन्य 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा।

Updated on: 19 Apr 2017, 06:02 PM

highlights

  • बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
  • एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती के खिलाफ चलेगा आपराधिक मामला
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लखनऊ की कोर्ट में दो साल के भीतर ट्रायल हो पूरा

नई दिल्ली:

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। 

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत अन्य 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब लखनऊ कोर्ट में रोजाना सुनवाई होगी। SC ने दो साल के भीतर ट्रायल खत्म करने के लिए कहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को केस से बाहर कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लखनऊ की कोर्ट में जो जज सुनवाई करेंगे, उनका दो साल तक ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि चार सप्ताह के भीतर केस को रायबरेली से लखनऊ ट्रांसफर किया जाए।

इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और अन्य याचिकाकर्ताओं की वरिष्ठ बीजेपी नेताओं व विश्व हिंदू परिषद नेताओं के खिलाफ साजिश के आरोपों की बहाली की मांग वाली याचिका पर न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति रोहिटन फली नरीमन की पीठ ने छह अप्रैल को आदेश सुरक्षित रख लिया था।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा मई 2010 में नेताओं के खिलाफ साजिश के आरोपों को खारिज करने के बाद सीबीआई ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।

आडवाणी और जोशी के साथ उमा भारती, विनय कटियार (बीजेपी), साध्वी ऋतंभरा, आचार्य गिरिराज किशोर, अशोक सिंघल और विष्णु हरि डालमिया (विहिप) ने 6 दिसंबर, 1992 को मस्जिद गिराए जाने से पहले रामकथा कुंज के मंच से भाषण दिया था।

यह स्थल विवादित मस्जिद से 200 मीटर की दूरी पर था। किशोर और सिंघल का निधन हो चुका है।

शीर्ष अदालत ने 6 अप्रैल को आदेश सुरक्षित रखने से पहले संकेत दिया कि जहां तक साजिश के आरोपों का सवाल है तो संविधान के अनुच्छेद 142 से असाधारण शक्तियां लिया जा सकता है। इस मुकदमे को रायबरेली से लखनऊ स्थानांतरित किया जा सकता है, ताकि आडवाणी और जोशी सहित आठ नेताओं के साथ ही 13 अन्य लोगों पर साजिश के आरोपों में मुकदमा चलाया जा सके।

आडवाणी और जोशी ने शीर्ष अदालत के मुकदमा लखनऊ स्थानांतरित करने और अनुच्छेद 142 से साजिश के आरोपों की बहाली के लिए सहारा लेने का विरोध किया था।

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(इनपुट IANS से भी)