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अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 15 मई को होगी सुनवाई, संवैधानिक पीठ की मांग हुई तेज़

सीजेआई दीपक मिश्रा की अगुआई वाली जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर जज की बेंच ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 15 मई की तारीख तय की है।

Updated on: 27 Apr 2018, 08:07 PM

नई दिल्ली:

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की बेंच ने अयोध्या विवाद मामले में अगली सुनवाई के लिए 15 मई की तारीख तय की है।

पहले यह सुनवाई 6 अप्रैल को होनी थी।

सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजू रामचंद्रन ने कोर्ट में दलील दी थी कि यह मामला एक बड़े संवैधानिक खंडपीठ को भेजा जाए।

रामलला विराजमान की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने इस मांग का विरोध किया। वरिष्ठ वकील साल्वे ने कोर्ट में कहा, 'बार-बार कोर्ट में 1992 साल का हवाला दिया जा रहा है। हमारा देश 1992-1993 से आगे बढ़ गया है। राजनीतिक और धार्मिक रंग देने वाली दलीलों को कोर्ट के बाहर छोड़कर आएं। इस मामले को कोर्ट प्रॉपर्टी विवाद की तरह सुनें।'

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दाखिल 13 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। 

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की बेंच इस बात पर विचार कर रही है कि क्या मामले से जुड़े एक अहम सवाल को संविधान पीठ में भेजा जाना चाहिए। ये मांग एक मुस्लिम पक्षकार की तरफ से की गई है।

 मुस्लिम पक्षकार ने 1994 में आए इस्माइल फारुखी फैसले पर दोबारा विचार की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले सुब्रमण्यन स्वामी, श्याम बेनेगल, अपर्णा सेन  की याचिकाओं समेत सभी 32 याचिकाओं को खारिज कर दिया था। 

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