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अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी करना चाहते हैं प्राइवेट प्रैक्टिस, सरकार से कार्यकाल नहीं बढ़ाने का किया अनुरोध

तीन साल के कार्यकाल के दौरान मेंरे संबंध पीएम, क़ानून मंत्री और सभी अधिकारियों के साथ शानदार रहे हैं।

Updated on: 11 Jun 2017, 11:21 PM

highlights

  • भारत के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सरकार से उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाए जाने की अपील की है
  • रोहतगी ने कहा कि वह अब इस पद पर नहीं बने रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह अब प्राइवेट प्रैक्टिस करना चाहते हैं

नई दिल्ली:

भारत के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सरकार से उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाए जाने की अपील की है। रोहतगी ने कहा कि वह अब इस पद पर नहीं बने रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह अब प्राइवेट प्रैक्टिस करना चाहते हैं।

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, 'मैने केंद्र सरकार को ख़त लिख कर अपनी इच्छा बताई है। मैं अपना कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाना चाहता हूं।'

उन्होंने कहा, 'अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान मेंरे संबंध पीएम, क़ानून मंत्री और सभी अधिकारियों के साथ शानदार रहे हैं। लेकिन मैं अब वापस प्राइवेट प्रैक्टिस में जाना चाहता हूं।'

बता दें कि पिछले हफ्ते सरकार ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, सॉलीसिटर जनरल रंजीत कुमार और पांच अन्य वरिष्ठ विधि अधिकारियों का कार्यकाल बढ़ा दिया था।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा था कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने कानून अधिकारियों का कार्यकाल अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है।

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रोहतगी को जून 2014 में निर्धारित तीन साल के कार्यकाल के लिए देश का मुख्य विधि अधिकारी नियुक्त किया गया था। रोहतगी दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अवध बिहारी रोहतगी के पुत्र हैं।

उन्होंने 2002 के गुजरात दंगे और बेस्ट बेकरी एवं जाहिरा शेख मामले सहित फर्जी मुठभेड़ मौत मामले में उच्चतम न्यायालय में गुजरात सरकार की तरफ से पैरवी की थी।

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