अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को दिलाई राजधर्म की याद
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि ना ही मोदी जी अटल जी के राजधर्म की परिभाषा को समझ पाये ना राजा के प्रजा के प्रति समान व्यवहार और दायित्व का संकेत भी समझ पाये।
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से पूरा देश गमगीन है। बीजेपी नेताओं के साथ ही तमाम विपक्षी दलों के नेता भी उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजधर्म की याद दिलाई। 2002 के गुजरात दंगों के बाद प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजधर्म निभाने की सलाह दी थी।
इसी पर दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, 'ना ही मोदी जी अटल जी के राजधर्म की परिभाषा को समझ पाये ना राजा के प्रजा के प्रति समान व्यवहार और दायित्व का संकेत भी समझ पाये। मोदी जी का एक मात्र लक्ष्य है कैसे नेहरू जी का नाम भारत के इतिहास से मिटा दें। यही विचार हमारे स्वस्थ संसदीय लोकतंत्र व्यवस्था के नींव के पत्थर हैं। पर मोदी जी अटल जी के नेहरू जी के प्रति उनके विचारों को नहीं समझ पाये।'
ना ही मोदी जी अटल जी के राजधर्म की परिभाषा को समझ पाये ना राजा के प्रजा के प्रति समान व्यवहार और दायित्व का संकेत भी समझ पाये। मोदी जी का एक मात्र लक्ष्य है कैंसे नेहरू जी का नाम भारत के इतिहास से मिटा दें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 17, 2018
वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी वाजपेयी के राजधर्म निभाने की सीख वाले बयान को लेकर ट्वीट करते हुए कहा, 'अटल बिहारी वाजपेयी जी का ये संदेश जब तक हमारे राजनेता, राजनीतिक दल और लोकतंत्र के शीर्षस्थ सुनते और मानते रहेंगे, तब तक भारत की एकता और अखंडता को कोई ख़तरा नही हो सकता। वैचारिक भिन्नता का आदर, सर्व धर्म समभाव की सोच और राजधर्म का पालन ही अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि है।'
बता दें कि जब 2002 में गुजरात में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के बाद हर तरफ तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस्तीफे की मांग होने लगी थी। इसी वक्त अटल जी ने गुजरात का दौरा किया था। जब वह मीडिया के सामने आए थे तो एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया था कि आप मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कोई संदेश लेकर आए हैं?
इस पर वाजपेयी जी ने जवाब दिया था कि, 'मैं इतना ही कहूंगा, वह राजधर्म का पालन करें। ये शब्द काफी सार्थक हैं। मैं उसी का पालन कर रहा हूं और पालन करने का प्रयास कर रहा हूं। एक राजा या शासक के लिए प्रजा-प्रजा में भेद नहीं हो सकता है, न जन्म के आधार पर, न जाति और संप्रदाय के आधार पर...।'
और पढ़ें: अटल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे स्वामी अग्निवेश, बीजेपी मुख्यालय के बाहर हुई पिटाई
पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार शाम को 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) अस्पताल में उन्होंने शाम 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली थी।
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