अटल बिहारी वाजपेयी की कश्मीरियत, इंसानियत, जम्हूरियत को आज भी पूरी दुनिया करती है याद
बता दें कि वह 2003 में वह कश्मीर दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने एक रैली को संबोधित किया और जनता से कहा कि वह विधानसभा चुनावों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए शुक्रिया कहा।
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कश्मीर को लेकर बेहद संवेदनशील थे। वह प्यार और इंसानियत से कश्मीर समस्या का समाधान चाहते थे। उन्होंने 2003 में कश्मीर में शांति के लिए जो तीन सिद्धांत बताए थे, उनका जिक्र पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती से लेकर अलगाववादी नेता तक करते हैं।बता दें कि वह 2003 में वह कश्मीर दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने एक रैली को संबोधित किया और जनता से कहा कि वह विधानसभा चुनावों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए शुक्रिया कहा।
उस समय वाजपेयी ने जनता से कहा कि कश्मीर की जनता को गोलियों का जवाब वोट से देना चाहिए। उस समय ही वाजपेयी ने कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत, इन तीन सिद्धांतों के बारे में बात की।
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जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर की दिल्ली के दरवाजे हमेशा उनके लिए खुले हैं और दिल्ली कभी कश्मीर के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं करेगा। उनके इस कथन और सिद्धांत की आज भी पूरी दुनिया में सराहना होती है। वह मानते थे कि कश्मीर और दूसरे विवादित मुद्दों को बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के जरिए।
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