logo-image

जब अटल बिहारी वाजपेयी ने सोनिया गांधी से कहा था- सभ्य तरीके से लड़िए, देश की मर्यादा का ध्यान रखिए

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने बोलने के अंदाज़ को लेकर लोगों के बीच काफी प्रिय रहे।

Updated on: 17 Aug 2018, 06:22 AM

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का उदारवादी चेहरा और कई राजनीतिक दलों के सहयोग से 1990 के दशक में केंद्र में पहली बार बीजेपी की सरकार बनाने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने बोलने के अंदाज़ को लेकर लोगों के बीच काफी प्रिय रहे। आम तौर पर राजनीतिक प्रतिद्वंदी कोई भी हो उन्हें किसी का विरोध करना अच्छा नहीं लगता लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की शानदार भाषण शैली और सधे हुए शब्दों की वजह से राजनीतिक विरोधी भी उनके मुरीद हो जाते थे और उनके पूरे वक्तव्य को सुनते थे।

बतौर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कई मौक़ों पर राजनीतिक विरोधियों को अपने इसी चिरपरिचित अंदाज़ में जबाव देते सुनाई दिए। 2003 में वाजपेयी तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी द्वारा Incompetent (अक्षम), Insensitive (असंवेदनशील), Irresponsible (गैर जिम्मेदार) और Brazenly Corrupt (भ्रष्टतम) शब्द करने को लेकर काफी भड़क गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी सोनिया गांधी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द से काफी आहत हुए और उन्हें जमकर कोसा। हालांकि उनके कोसने का अंदाज़ भी ऐसा था कि संसद में बैठे सभी लोग चुपचाप सुनते रहे।

सोनिया गांधी के प्रति ग़ुस्सा जाहिर करते हुए वाजपेयी ने कहा, 'अभी तो मैं पढ़कर दंग रह गया जब मैने श्रीमति सोनिया जी का भाषण पढ़ा। उन्होंने सारे शब्द इकट्ठे कर दिए हैं एक ही पैरा में Incompetent (अक्षम), Insensitive (असंवेदनशील), Irresponsible (गैर जिम्मेदार) और Brazenly Corrupt (भ्रष्टतम)। राजनीतिक क्षेत्र में जो आपके साथ जो कंधा से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं इसी देश में मतभेद होंगे, उनके बारे में ये आपका मूल्यांकन है, मतभेदों को प्रकट करने का ये तरीका है? ऐसा लगता है कि शब्दकोश खोलकर बैठे गए हैं और उसमें से ढूंढ़-ढूंढ़ कर शब्द निकाले गए हैं Incompetent (अक्षम), Insensitive (असंवेदनशील), Irresponsible (गैर जिम्मेदार) लेकिन यह शब्दों का खेल नहीं है। हम यहां लोगों से चुन कर आए हैं और जब तक लोग चाहेंगे हम रहेंगे, आपका मैनडेट कौन होता है हमारा फैसला तय करने वाला। किसने आपको जज बनाया है? आप यहां तो शक्ति परिक्षण के लिए तैयार नहीं है अब जब असेंबली के चुनाव होंगे तो हो जाएगें दो-दो हाथ लेकिन यह क्या है। सभ्य तरीके से लड़िए, इस देश की मर्यादा का ध्यान रखिए।'

वाजपेयी को 2014 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनके जन्मदिवस 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। वाजपेयी 3 बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। पहली बार वह 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी।

वर्ष 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली थी। 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और पांच सालों का कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी को 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान पर विजय प्राप्त करने के बाद इंदिरा गांधी को दुर्गा कहकर प्रशंसा करने के लिए भी जाना जाता है। उनमें विदेश नीति मुद्दे की विशिष्ट योग्यता थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार कांफ्रेंस में पाकिस्तान के कश्मीर अभियान का जवाब देने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने के लिए चुना था।

और पढ़ें- भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में निधन, 66 दिनों तक लड़ी जिंदगी की जंग

वाजपेयी के निधन पर सात दिनो के राष्ट्रीय शोक की घोषणा

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वाजपेयी के निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करने की घोषणा की है। इस दौरान भारत और विदेश में भारतीय दूतावासों में 16 अगस्त से 22 अगस्त के बीच राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि वाजपेयी का पार्थिव शरीर कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास पर लाया गया है और शुक्रवार को सुबह नौ बजे उनका पार्थिव शरीर पार्टी के मुख्यालय ले जाया जाएगा। इसके बाद शाम चार बजे यमुना के तट पर स्मृति स्थल में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

शवयात्रा दोहपर एक बजे शुरू होगी। दिवंगत प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार शुक्रवार को यमुना नदी के किनारे स्मृति स्थल पर किए जाने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। सरकार ने यह भी घोषणा कि है कि राष्ट्रीय शोक की अवधि के दौरान कोई आधिकारिक समारोह भी आयोजित नहीं होगा।

अस्वस्थ रहने के कारण एक दशक से अधिक समय से सार्वजनिक जीवन से दूर रहे 93 वर्षीय बीजेपी नेता को गुर्दा और छाती में तकलीफ बढ़ने के बाद 11 जून को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती करवाया गया था जहां उन्होंने गुरुवार को शाम 5.05 बजे अंतिम सांस ली। 

देखिए तस्वीरें: अटल बिहारी वाजपेयी के अनछुए पहलू, तस्वीरों में पूरा सफर

उनके निधन की पुष्टि करते हुए एम्स ने एक बयान में कहा, "अपार दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) अब नहीं रहे।" बयान के अनुसार "हम काफी दुख के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बारे में सूचित कर रहे हैं।" बयान के अनुसार, "दुर्भाग्य से, बीते 36 घंटे से उनकी हालत काफी बिगड़ गई और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखना पड़ा। बेहतर प्रयास के बावजूद हमने आज उन्हें खो दिया।"

मधुमेह के मरीज वाजपेयी का एम्स में इलाज चल रहा था। बीते नौ हफ्ते से उनकी हालत स्थिर बताई जा रही थी लेकिन रविवार को उनका स्वास्थ्य खराब हो गया और बुधवार शाम को उनकी हालत काफी नाजुक हो गई। प्रधानमंत्री मोदी ने बीते दो दिनों में दो बार एम्स का दौरा किया, जिससे उनकी हालत का अत्यधिक नाजुक होने के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता था।राजनीति के अजातशत्रु वाजपेयी को सभी राजनीतिक दलों ने पार्टी लाईन से ऊपर उठकर श्रद्धांजलि दी।

और पढ़ें: अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी सभी स्टोरी और जानकारियों के लिए इस लिंक पर करें क्लिक

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वाजपेयी एक 'सच्चे भारतीय राजनेता' थे। उन्होंने कहा, "उनका नेतृत्व, दूरदर्शिता, परिपक्वता और वाकपटुता उन्हें सबसे अलग बनाता है।"

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को लाखों लोग प्यार करते थे और उनका आदर करते थे। आज भारत ने अपना महान बेटा खो दिया।" 

अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी हर खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आधुनिक भारत के 'शीर्षस्थ नेताओं' में से एक थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा करने में लगाया। पूर्व प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, " भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee) के दुखद निधन के बारे में पता चला। वह एक शानदार वक्ता, प्रभावी कवि, अद्वितीय लोकसेवक, उत्कृष्ट सांसद और महान प्रधानमंत्री रहे। "