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आसाराम रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार दे गवाहों को सुरक्षा

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि इस मामले से जुड़े गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

Updated on: 24 Mar 2017, 01:15 PM

नई दिल्ली:

आसाराम यौन उत्पीड़न मामले से जुड़े गवाहों की में एक के बाद एक हो रही हत्या और उन पर हो रहे हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। कोर्ट ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि इस मामले से जुड़े गवाहों और पीड़ित परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। अब इस मामले की सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी। 

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया हैं कि आसाराम रेप केस में अभी तक 10 गवाहों पर हमला हो चुका हैं। इन हमलों में मामले से जुड़े तीन गवाहों की मौत हो चुकी हैं। यचिकाकर्ता ने मांग की है कि गवाहों की हत्या की जांच सीबीआई, और एसआईटी से कराई जाए। साथ ही उसने मांग हैं कि इस तरह के मामलों में भविष्य में गवाहों को सुरक्षा देने के लिए नेशनल विटनेस प्रोटेक्शन प्रोगाम बनाया जाए। 

धार्मिक गुरु आसाराम नाबालिग से रेप के आरोप में पिछले तीन साल से भी अधिक समय से जेल में बंद हैं।

आसाराम मामले से जुड़े एक गवाह महेंद्र चावला जो पहले आसाराम के बेटे नारायण साईं के निजी सचिव हुआ करते थे उन्होंने कोर्ट से सुरक्षा की मांग की और अब इस मामले के मुख्य गवाह हैं।

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उन्होंने आशंका जताई थी कि वो हत्यारों के निशाने पर हैं और ये भी कहा था कि वो हरियाणा में अज्ञात स्थान पर रह रहे हैं।

आसाराम ने उन्होंने कई बार अदालत में जमानत के लिये अर्जी दी है लेकिन उनकी जमानत खारिज कर दी गई है।

हाल ही में आसाराम बापू को ज़ोरदार झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ मेडिकल आधार पर लगाई गई अंतरिम ज़मानत याचिका और नियमित ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया था।

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इतना ही नहीं नाराजगी जताते हुए आसाराम के खिलाफ जेल सुपरिंटेंडेंट का फर्ज़ी खत लगाने के मामले में एफआईआर दर्ज कराने का भी आदेश दिया था।

आसाराम रेप मामले के कई गवाहों की हत्या हो चुकी है और कई पर जानलेवा हमला भी हुआ है। गवाहों के रिश्तोदारों का आरोप था कि इस हत्या मे आसाराम के समर्थक शामिल हैं।

साल 2008 में अभिषेक और दीपेश वाघेला नाम के दो चचेरे भाइयों की आसाराम के मोटेरा आश्रम में रहस्यमय तरीके से मौत हुई थी।

इसके अलावा आसाराम के निजी सचिव रहे राहुल सचान पर भी जानलेवा हमला हुआ था।

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