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आर्टिकल 35 A पर क्या साल 1954 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ था कोई समझौता ?

जम्मू-कश्मीर में 35 A क्या भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते का का नतीजा था? इस पर भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से ही विवाद शुरू हो गया था।

Updated on: 08 Sep 2018, 04:58 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में 35 A क्या भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते का का नतीजा था? इस पर भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से ही विवाद शुरू हो गया था। जम्मू के सामाजिक संगठन 'एक जुट' ने रिटायर्ड चीफ जस्टिस की किताब के हवाले से छपे एक लेख के बाद केंद्र सरकार को 1954 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते को सार्वजनिक करने का आग्रह किया है। दरअसल ये बहस रिटायर्ड चीफ जस्टिस ए एस आनंद की बुक को लेकर लिखे गए एक आर्टिकल की वजह से शुरू हुई है। बुक का हवाला देते हुए इसमे लिखा गया है कि भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के बीच साल 1954 में एक समझौता हुआ था जिसके तहत 35 A के जरिए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया।

इस समझौते में स्टेट लेजिस्लेचर को ये अधिकार दिया गया कि वह अपने राज्य के लोगों को विशेष अधिकार दे सके। इस बात के सामने आने के बाद अब एक जुट संगठन ने सरकार से उस एग्रीमेंट को लोगों के सामने रखने के लिए कहा है जो गोपनीय तरीके से भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था।

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वहीं इस मुद्दे को लेकर वकील अंकुर शर्मा ने कहा, इस आर्टिकल के आधार पर ये भी कहा जा रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मे 35 A को लेकर समझौता हुआ था ऐसे में 35A का मुद्दा एक्ट ऑफ स्टेट के दायरे में आता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई करने का कोई औचित्य नही बनता लेकिन एक जुट संगठन के मुताबिक से बहस बेमानी है और सरकार को समझौते को लोगों के सामने ला कर दूध का दूध और पानी का पानी कर देना चाहिए।

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गौरतलब है कि 35 A को लेकर जम्मू-कश्मीर में पहले से ही बवाल मचा हुआ है और राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने केंद्र सरकार से इस पर रुख साफ करने की मांग की है। इसी आर्टिकल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर कई राजनीतिक दलों जम्मू-कश्मीर में होने वाले पंचायत और कॉरपोरेशन चुनावों का भी बॉयकॉट करने का ऐलान किया है।