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सेना प्रमुख रावत ने कहा- डोकलाम विवाद के कारण रुका भारत-चीन सैन्य अभ्यास फिर होगा शुरू

सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने चीन की सैन्य क्षमता की तारीफ करते हुए कहा कि वो 'बढ़ चुका है।' उन्होंने कहा कि चीन ने आर्थिक प्रगति के साथ-साथ सैन्य क्षमता को भी बढ़ाता रहा है।

Updated on: 14 Mar 2018, 12:10 AM

नई दिल्ली:

सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत और चीन की सेनाओं का संयुक्त अभ्यास फिर शुरू होगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में डोकलाम मुद्दे को लेकर खटास आ गई थी, जिसके कारण इसे रोक दिया गया था। लेकिन इसे दोबारा शुरू किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि चीन के साथ मिलिटरी डिप्लोमैसी कामयाब रही है और डोकलाम के बाद सीमा पर सैन्य कर्मियों की मुलाकात बंद हो गई थी अभ फिर शुरू हो गई है। साथ ही कहा कि अब दोनों सेनाओं के बीच 'दोस्ती' फिर शुरू हो गई है।

उन्होंने कहा, 'हर साल चीन के साथ संयुक्त अभ्यास होता है। सिर्फ पिछले साल इसे रोक दिया गया था (तनाव के कारण)। लेकिन अब ये फिर शुरू होगा।'

जनरल रावत ने चीन की सैन्य क्षमता की तारीफ करते हुए कहा कि वो 'आगे बढ़ चुका है।' उन्होंने कहा कि चीन ने आर्थिक प्रगति के साथ-साथ सैन्य क्षमता को भी बढ़ाता रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया अब भारत की तरफ देख रही है।

उन्होंने कहा, 'चीनी बढ़ चुके हैं। मैं ये कह सकता हूं। वो ये नहीं भूले कि आर्थिक प्रगति के साथ मिलिटरी की ताकत को बढ़ाया जाना चाहिये।'

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन दुनिया के 'ताकतवर देशों में शुमार होता है और वे अमेरिका को भी चुनौती दे रहा है।'

उन्होंने कहा कि चीन की उन्नति को देखकर दुनिया के तमाम देश अब भारत की तरफ देख रहे हैं। उन्होंने कहा, 'चीन के विकास को देखते हुए अब बाकी के देश हमारी तरफ देख रहे हैं कि क्या भारत भी एक ऐसा देश बन सकता है जो चीन के विकास से संतुलिन बना सकता है।'

चीन की मुखरता के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारतीय प्रशांत की ओर देख रहा है।

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पिछले साल दोनों देशों की सेनाएं 73 दिनों तक सिक्किम सेक्टर में स्थित डोकलाम में आमने-सामने थीं। जिसके कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी।

हालांकि दोनों देशों ने संबंधों को बेहतर बनान के प्रयास शुरू कर दिये हैं। हाल ही में विदेश सचिव विजय गोखले भी चीन की यात्रा पर थे और वांग से बातचीत भी की थी।

इसके अलावा भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अगले महीने चीन की यात्रा पर जा रही हैं। डोकलाम के बाद दोनों देशों के बीच आए तनाव को देखते हुए इस यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जून में चीन जाएंगे वहां वो शांघाइ कोऑपरेशन ऑर्गेनाइज़ेशन के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

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