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'सेवा शुल्क' पर नए आदेश को कोई भी कोर्ट में दे सकता है चुनौती: ट्राई

टेलीकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के टेलीकॉम बाजार में सेवा शुल्क बिगाड़ने वाली कंपनियों पर भारी-भरकम जुर्माना के फैसले पर कंपनियों ने आपत्ति जताई थी।

Updated on: 27 Feb 2018, 08:02 PM

नई दिल्ली:

टेलीकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के टेलीकॉम बाजार में सेवा शुल्क बिगाड़ने वाली कंपनियों पर भारी-भरकम जुर्माना के फैसले पर कंपनियों ने आपत्ति जताई थी।

इसी पर ट्राई के प्रमुक आरएस शर्मा ने साफ कर दिया है हमारा देश स्वतंत्र है और अगर किसी को इसमें आपत्ति है तो वह इसे अदालत में चुनौती देने को आजाद है।

उन्होंने कहा अगर किसी को शुल्क दर आदेश से दिक्कत है तो सही मंच पर इसे चुनौती देना ही सही विकल्प होगा।

गौरतलब है कि कई दूरसंचार कंपनियों और इनके संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने प्रत्यक्ष रूप से ट्राई के इस आदेश पर नाराजगी जताई। मामला अदालत में गया जिसके बाद फैसला ट्राई के पक्ष में गया और कोर्ट ने फैसले को सही ठहराया।

इस नये शुल्क को लेकर प्रमुख टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन के सीईओ वितोरियो कोलाओ ने ट्राई के इस फैसले को लेकर कहा था कि ऐसी हालत हो गई है जैसी हाथों को पीछे बांधकर अखाड़े में लड़ने के लिए उतार दिया गया हो।

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ट्राइ के नए नियम के तहत अगर किसी कंपनी का सेवा शुल्क टेलीकॉम बाजार को बिगाड़ने वाला पाया जाता है तो उस पर ट्राई 50 लाख रुपये प्रति सर्किल के हिसाब से जुर्माना लगा सकता है।

नियमों के मुताबिक सेवा देने वाली कंपनी के सेवा दर को अगर बाजार को खराब करने वाला माना जाएगा और उसकी बाजार हिस्सेदारी 30 फीसदी से ज्यादा होगी तो माना जाएगा कि इसका मकसद प्रतिस्पर्धी कंपनियों को निपटाना है।

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