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राज्यसभा उपसभापति चुनाव में हार के बाद राहुल के नेतृत्व पर उठे सवाल, कहा- दूसरी पार्टी का उम्मीदवार होता तो मिलते ज्यादा वोट?

इसके अलावा कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि विपक्ष के कैंडिडेट के रूप में कांग्रेस का चेहरा होने से ऐसे दलों के वोट मिलने के चांस कम हुए जो किसी खेमे (बीजेपी या कांग्रेस) के साथ नहीं दिखना चाहते।

Updated on: 09 Aug 2018, 08:27 PM

नई दिल्ली:

गुरुवार को राज्यसभा उपसभापति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की जीत के बाद विपक्षी दल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने लगे हैं। ज्यादातर विपक्षी दलों का मानना है कि अगर कांग्रेस अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारने के बजाय किसी और पार्टी के कैंडिडेट को चेहरा बनाती तो ज्यादा वोट मिलते। इतना ही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी में परिपक्वता की कमी को बताते हुए यह भी कहा जा रहा है कि अगर बेहतर ढंग से तैयारी की गई होती तो शायद नतीजे कुछ और होते।

विपक्ष के कुछ नेता इस बात को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि बिहार सीएम नीतीश कुमार ने जिस तरह बीजेडी और टीआरएस से संपर्क साधा, उस तरह राहुल गांधी ने भी अपने कैंडिडेट के लिए AAP जैसी पार्टियों से संपर्क क्यों नहीं किया।

इसके अलावा कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि विपक्ष के कैंडिडेट के रूप में कांग्रेस का चेहरा होने से ऐसे दलों के वोट मिलने के चांस कम हुए जो किसी खेमे (बीजेपी या कांग्रेस) के साथ नहीं दिखना चाहते। हालांकि उपसभापति पद पर एनडीए कैंडिडेट हरिवंश की जीत के बावजूद विपक्षी दलों का कहना है कि बीजेपी के खिलाफ उनकी एकजुटता के प्रयासों के लिए यह झटके जैसा कतई नहीं है।

टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हम बीजेपी और एनडीए के खिलाफ अब भी एकजुट हैं।

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उन्होंने कहा, 'आज का परिणाम केंद्र सरकार की बेचैनी को दिखाता है। एनडीए कैंडिडेट को वोट दिलाने के लिए पीएम को खुद फोन करना पड़ा। निश्चित तौर पर यह चुनाव हमारे लिए दुनिया का अंत होना नहीं है। यह विश्वकप से पहले के वार्मअप मैच के जैसा हैं।'

आपको बता दें कि एनडीए कैंडिडेट हरिवंश सिंह को 125 वोट मिले थे जबकि विपक्ष के कैंडिटेड बीके हरिप्रसाद को 105 सदस्यों ने वोट किया।

विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अगर कांग्रेस ने किसी गैर कांग्रेसी या टीडीपी या किसी अन्य विपक्षी दल के नेता को कैंडिडेट बनाया होता तो ज्यादा वोट मिल सकते थे।

विपक्ष को उम्मीद थी कि कांग्रेस इस चुनाव के लिए किसी गैर कांग्रेसी सांसद के नाम को आगे करेगी जो कि नहीं हुआ। गैर कांग्रेसी पार्टियों के नेताओं का कहना था कि अगर राहुल गांधी फोन कर देते तो AAP के वोट भी मिल जाते।

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आप नेता संजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने एनडीए के कैंडिडेट के लिए केजरीवाल को फोन किया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। संजय सिंह ने सवाल किया कि अगर नीतीश फोन कर सकते थे तो राहुल गांधी क्यों नहीं।