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अलवर लिंचिंग केस: सुप्रीम कोर्ट में 20 अगस्त को सुनवाई, केंद्र ने राजस्थान सरकार से मांगी रिपोर्ट

अलवर मॉब लिंचिंग की घटना के मामले में सुप्रीम कोर्ट 20 अगस्त को राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करने की मांग की याचिका पर सुनवाई करेगी।

Updated on: 23 Jul 2018, 06:27 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान के अलवर में पिछले सप्ताह हुई मॉब लिंचिंग की घटना के मामले में सुप्रीम कोर्ट 20 अगस्त को राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ अवमानना के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्ट 20 तारीख को ही इसी मामले में कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की याचिका पर भी सुनवाई करेगी।

20 जुलाई को अलवर जिले में गो तस्करी के संदेह पर 28 वर्षीय अकबर खान की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अभी तक इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया गया है।

केंद्र ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घटना पर भारी विरोध प्रदर्शन के बाद राजस्थान सरकार से रिपोर्ट मांगी है। सोमवार को केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को हालिया लिंचिंग की घटनाओं पर कठोर एडवाइजरी जारी की है।

वहीं राज्य सरकार ने भी कथित मॉब लिंचिंग की घटना पर जांच के आदेश गिए हैं। राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद्र कटारिया ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हमने जांच के आदेश दे दिए हैं जिससे सही कारण का पता चल सके।

राज्य सरकार के आदेश के बाद आला अधिकारी समेत पुलिस की टीम घटनास्थल पर आगे की जांच के लिए पहुंची है जो छानबीन कर रही है।

कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग

कांग्रेस पार्टी ने अलवर की इस क्रूर घटना पर सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) जांच की मांग की है। वहीं इस पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है।

वहीं सोमवार को मीडिया रिपोर्ट्स में पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने में देरी की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह मोदी का क्रूर 'न्यू इंडिया' है।

राहुल ने ट्वीट किया, 'अलवर के पुलिसकर्मियों को भीड़ की हिंसा का शिकार हुए और मर रहे रकबर खान को मात्र छह किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाने में तीन घंटे का समय लग गया। क्यों? वे लोग रास्ते में चाय पीने के लिए रुके। यह मोदी का क्रूर 'न्यू इंडिया' है। जहां नफरत ने मानवता का स्थान ले लिया है और लोगों को पीटा जा रहा है और उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है।'

सवालों के घेरे में है पुलिस की भूमिका

बता दें कि पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने में हुई देरी के बाद पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है। इस घटना को लेकर सरकार पर विपक्षी पार्टियां लगातार सवाल उठा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि घायल होने के बाद पुलिस ने जानबूझ कर उसे अस्पताल पहुंचाने में देरी की जिससे उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने अकबर को 6 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल पहुंचाने में 3 घंटे का समय लगा दिया था।

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