अखिलेश को साइकिल मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में गठबंधन की अटकलें हुईं तेज़, कांग्रेस ने भी बढ़ाया हाथ
समाजवादी पार्टी के झगड़े में मुलायम सिंह यादव को बड़ा झटका देते हुए चुनाव आयोग ने साइकिल चुनाव चिह्न अखिलेश खेमे को आवंटित कर दिया है।
highlights
- चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब यूपी में महागठबंधन का रास्ता साफ हो गया है
- कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर कभी भी फैसला हो सकता है
- सूत्रों के मुताबिक अखिलेश की सपा, कांग्रेस और आरएलडी को 100-125 सीटों की पेशकश कर सकती है
नई दिल्ली:
चुनाव आयोग के फैसले के बाद समाजवादी पार्टी अब अखिलेश यादव की हो चुकी है। इसके बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियों के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन की अटकलें भी तेज हो गई हैं। अखिलेश यादव शुरू से ही प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन की वकालत करते रहे हैं लेकिन तब पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह ने लगभग सभी सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा कर गठबंधन की संभावनाओं को खत्म कर दिया था। कांग्रेस के अलावा आरएलडी के साथ भी गठबंधन की संभावनाएं हैं। इधर कांग्रेस ने भी गठबंधन के लिये सकारात्मक संकेत दिये हैं।
लेकिन अब समाजवादी पार्टी (सपा) की कमान अखिलेश के हाथ में है और अब कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर रास्ता साफ नज़र आ रहा है। चुनाव आयोग के फैसले से पहले अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और प्रियंका गांधी के साथ एक दौर की बातचीत भी हो चुकी है।
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कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन की बात को इसलिए बल मिला है, क्योंकि अखिलेश यादव पहले ही जिक्र कर चुके हैं कि अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन होता है तो 300 से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं।
इसके अलावा कुछ दिनों पहले यूपी के 20 कांग्रेसी विधायकों ने राहुल गांधी को चुनावी गठबंधन को लेकर राय दी थी। इससे पहले राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनों एक-दूसरे की तारीफ भी कर चुके हैं। इस कारण भी इन अटकलों को और बल मिल रहा है।
कांग्रेस भी गठबंधन के लिये संकेत दे रही है। पार्टी का कहना है कि उत्तर प्रदेश के भविष्य के लिये समाजवादी पार्टी से वो चुनावी गठबंधन कर सकती है।
Congress says its ready for alliance with Samajwadi Party for UP's benefit https://t.co/dXFKdOirx2 #ANI
— ANI Print (@print_ani) January 17, 2017
यही नहीं कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का सुझाव दे चुके हैं।
इस वक्त उत्तर प्रदेश में चुनावी गठबंधन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिये अपनी साख बनाए रखने के लिये ज़रूरी है। जहां कांग्रेस अपनी खोई हुई राजनीतिक ज़मीन वापस पाने की कोशिश में हैं वहीं समाजवादी पार्टी खासकर अखिलेश यादव के लिये सत्ता में वापसी भी चुनौती है। वो भी ऐसे में जब वो राजनीतिक साख बनाए रखने के लिये अपने पिता और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और पूरे यादव परिवार से बग़ावत की।
अखिलेश का सत्ता में वापसी करने के लिये गठबंधन एक ज़रूरत भी है। राज्य में कानून व्यवस्था की लचर स्थिति और सरकार के खिलाफ माहौल उन्हों नुकसान पहुंचा सकता है। इधर मायावती आक्रामक हैं और बीजेपी भी केंद्र में होने के कारण मज़बूत स्थिति में है।
बिहार में हुए महागठबंधन की तरह ही यहां भी गैर बीजेपी राजनीतिक दलों को एकजुट करने की भी कोशिशेंं चल रही हैं। हालांकि इसकी संभावना कम नज़र आ रही है। मायावती समाजवादी पार्टी के साथ नहीं जा सकती हैं।
आयोग का फैसला आते ही रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन की संभावना जता दी। रामगोपाल यादव ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि महा गठबंधन होगा लेकिन अंतिम निर्णय अखिलेश यादव लेंगे।'
रामगोपाल ने कहा, 'हम चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अखिलेश भी इस बारे में पहले बता चुके हैं। हालांकि मैंने इस बारे में पार्टी के नेशनल प्रेसिडेंट से बात नहीं की है लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि गठबंधन हो।'
गठबंधन में राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के भी शामिल होने की संभावना है। आईएनएस ने एक कांग्रेसी सूत्र के हवाले से बताया था, 'उत्तर प्रदेश में बिहार की तर्ज पर महागठबंधन को लेकर बात हो रही है। कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल को गठबंधन में 120-125 सीटें जी जा सकती है जबकि बाकी की सीटें अखिलेश की समाजवादी पार्टी को मिलेंगी।'
वहीं आयोग का फैसला आने के तत्काल बाद ही कांग्रेस ने कहा कि यूपी में अखिलेश के साथ गठबंधन होने की स्थिति में चुनाव परिणाम किसी की उम्मीद से भी अधिक चौंकाने वाले होंगे।
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सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस गठबंधन के लिए 100 सीटों की मांग कर सकती है। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच जल्द ही मुलाकात की संभावना भी जताई जा रही है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने कहा था वह अखिलेश यादव के लिए मुख्यमंत्री पद की दावेदारी छोड़ने में संकोच नहीं करेंगी।
उत्तर प्रदेश में सात चरणों में 403 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा चुनाव सीटों के लिए सात चरणों में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जिसकी शुरुआत 11 फरवरी से होगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का आखिरी चरण 8 मार्च को होगा।
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