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IIT बॉम्बे की रिपोर्ट: दिल्ली-मुंबई में वायु प्रदूषण का कहर, 2015 में 80 हजार से ज्यादा लोगों की मौत

यह आंकड़ें आईआईटी बॉम्बे की स्टडी के मुताबिक जारी किए गए हैं।

Updated on: 19 Jan 2017, 08:13 AM

highlights

  • साल 1995 की तुलना में यह आंकड़ा दोगुना है।
  • वायु प्रदूषण के कारण बीमारियों से निपटने में खर्च हुए 70 हजार करोड़ रुपये 

नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली और सपनों की नगरी कहे जाने वाले मुंबई में साल 2015 में वायु प्रदूषण के कारण करीब 80 हजार 665 लोग मौत के मुंह में समा गए। मरने वालों में 30 साल की उम्र से ज्यादा लोगों के नाम शामिल है। यह आंकड़ें आईआईटी बॉम्बे की स्टडी के मुताबिक जारी किए गए हैं।

आईआईटी बॉम्बे की स्टडी के अनुसार, वायु प्रदूषण की वजह से हेल्थ और प्रोडक्टिविटी पर लगातार बुरा असर पड़ रहा है। इन दो शहरों में वायु प्रदूषण के चलते हुई बीमारियों से निपटने के लिए 70 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए। यही नहीं, साल 1995 की तुलना में यह आंकड़ा दोगुना है।

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शोधकर्ताओं ने यह रिपोर्ट हवा में मौजूद पीएम-10 कणों के विश्लेषण से तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक, गाड़ियों के धुएं, निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल और अन्य कारणों की वजह से दिल्ली में पीएम-10 कणों का स्तर सबसे ज्यादा था। वहीं, दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से साल 1995 में 19,716 लोगों की मौत हुई थी, जबकि साल 2005 में यह आंकड़ा बढ़कर 48,651 तक पहुंच गया।

बीते 20 सालों में मुंबई में यह आंकड़ा 19,291 से बढ़कर 32,014 तक पहुंच गया। साल 2015 में करीब 64,037 लोगों को सांस से संबंधित परेशानियों की वजह से हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा, जबकि दिल्ली में इस वजह से अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या एक लाख 20 हजार है।

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