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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर NGT ने केजरीवाल सरकार को दिया निर्देश, 48 घंटों के अंदर फाइल करे एक्शन प्लान

दिल्ली में प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार से सवाल किये है।

Updated on: 04 Dec 2017, 12:50 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली में प्रदूषण के ख़तरनाक स्तर को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार को 48 घंटे में एक्शन प्लान फाइल करने का निर्देश दिया है।

प्रदूषण से राजधानी की बिगड़ती हालत पर एनजीटी ने नाराजगी जाहिर की। एनजीटी ने पाया है कि स्थिति खराब से सबसे खराब हो रही है और इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है

दिल्ली की हवा की बिगड़ती हुई हालत पर सरकार ने अभी तक कोई एक्शन प्लान फाइल नहीं किया है नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार को 48 घंटे में एक्शन प्लान फाइल करने का निर्देश दिया है

हरियाणा और उत्तरप्रदेश अपना एक्शन प्लान पहले ही फाइल कर चुके है  

इसके साथ ही खतरनाक वायु गुणवत्ता के बावजूद फिरोज शाह कोटला स्टेडियम में भारत-श्रीलंका क्रिकेट मैच आयोजित करने के लिए NGT ने अधिकारियों को फटकार लगाई है। 

बता दें कि रविवार को प्रदूषण के चलते श्रीलंकाई खिलाड़ी मास्क पहन कर ग्राउंड में उतरे थे। 

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ऑड-ईवन पर NGT ने लगाई थी फटकार

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से बेहाल दिल्ली में ऑड-ईवन लागू करने का फैसला किया था. हालांकि, सरकार ने ऑड-ईवन पर NGT (नैशलन ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश में बदलाव की मांग वाली दायर पुनर्विचार याचिका को वापस ले लिया था।

ऑर्ड-ईवन के फैसले में बदलाव की अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए NGT ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी।

एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा, 'बच्चों को गिफ्ट में संक्रमित फेफड़े न दें। उन्हें स्कूल में मास्क पहनना पड़ता है। आपके अनुसार हेल्थ इमरजेंसी क्या होती है? हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 के खतरनाक कणों के बढ़ते ही स्वतः एहतियात लागू हो जाने चाहिए।'

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इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते सरकार ने राजधानी में 500 नई इलेक्ट्रिक बसों को लाने का फैसला लिया है। इस मामले पर दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को बताया था कि 500 ​​इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने के लिए 700 करोड़ के ग्रीन सेस फंड में 400 करोड़ का इस्तेमाल करने की योजना प्रस्तावित की गई है।

हाई कोर्ट ने सरकार से सवाल पूछा था कि ग्रीन सेस फंड से इलेक्ट्रिक बसें क्यों खरीदी जाये।

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