logo-image

योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी, जानें कैसे करती है काम

राज्य के पूर्वांचल इलाके में योगी आदित्यनाथ की जितनी चर्चा होती है, उतनी ही चर्चा उनके संगठन की भी होती है।

Updated on: 27 Mar 2017, 12:18 PM

नई दिल्ली:

'हिंदू युवा वाहिनी' के सर्वेसर्वा योगी आदित्यनाथ अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं। राज्य के पूर्वांचल इलाके में योगी आदित्यनाथ की जितनी चर्चा होती है, उतनी ही चर्चा उनके संगठन की भी होती है।

साल 2002 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद ने जब इसका गठन किया था तो इसे उन्होंने एक सांस्कृतिक संगठन बताया था। संगठन का काम था कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों को रोकना। वहीं कई लोग इस संगठन के काम के पीछे कुछ और ही मायने निकालते हैं।

क्या है हिंदू 'युवा वाहिनी सेना'

  • योगी आदित्यनाथ ने साल 2002 के अप्रैल महीने में रामनवमी के दिन हिंदू युवा वाहिनी सेना का गठन किया था
  • गठन के वक्त योगी ने इसे एक विशुद्ध रूप से सांस्कृतिक संगठन बताया था
  • संगठन का मकसद उन्होंने हिंदूविरोधी, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को रोकना बताया था
  • हिंदू युवा वाहिनी के गठन से पहले दो चुनावों में योगी लोकसभा चुनाव कम मतों से जीते थे
  • 1998 का चुनाव योगी ने 26 हजार मतों से जीता था और 1999 का चुनाव सिर्फ 7322 मतों से
  • हिंदू युवा वाहिनी का गठन करते ही योगी की जीत का फासला बड़ा होता चला गया
  • 2014 का लोकसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ ने 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की
  • योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी को गोरखपुर के दायरे से बाहर निकालकर पूर्वांचल में इसकी जड़ें जमाईं

इसे भी पढ़ेंः मुलायम-अखिलेश ने विधायकों की बुलाई अलग-अलग बैठकें, बाप-बेटे में फिर से तकरार के आसार

बताया जाता है कि जब भी बीजेपी पर दबाव बनाने की नौबत आई, योगी ने 'हिंदू युवा वाहिनी' को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया। अब राजनीतिक हलकों में ये भी सवाल उठ रहे हैं कि जब योगी आदित्यनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बन गए हैं तो इस संगठन की क्या जरूरत है।

इसे भी पढ़ेंः यूपी में अफसरों को कसने में जुटे योगी आदित्यनाथ, 100 दिनों का प्रायॉरिटी प्लान मांगा