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आर्मी चीफ की चेतावनी के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने लोगों को मुठभेड़ वाली जगह से दूर रहने को कहा

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की चेतावनी के बाद अब जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्थानीय लोगों को मुठभेड़ वाली जगह से दूर रहने की सलाह दी है।

Updated on: 17 Feb 2017, 09:30 AM

New Delhi:

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की चेतावनी के बाद अब जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्थानीय लोगों को मुठभेड़ वाली जगह से दूर रहने की सलाह दी है।

सरकार की योजना मुठभेड़ वाले इलाके में 3 किलोमीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू करने की है ताकि सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच होने वाली मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन को रोका जा सके।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच होने वाली मुठभेड़ के दौरान अक्सर स्थानीय लोग सेना और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर देते हैं, जिससे ऑपरेशन में कठिनाई होती है।

जम्मू-कश्मीर सरकार का फैसला सेना प्रमुख बिपिन रावत की चेतावनी के ठीक अगले दिन आया है जिसमें उन्होंने आतंकियों से होने वाली मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों के रास्ते में आने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

रावत ने बुधवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन्स में बाधा डालने वालों को आतंकवादियों का सहयोगी समझा जाएगा और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। रावत का इशारा सेना पर पथराव करने वालों की तरफ था।

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सेना प्रमुख की चेतावनी पर राजनीति गरमाई

वहीं दूसरी तरफ कश्मीर में आतंकियों के मददगारों को लेकर दिए गए आर्मी चीफ बिपिन रावत के बयान पर अब सियासत शरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा कि अगर सेना कश्मीर के बच्चों को पकड़ती है तो यह बहुत ज्यादती होगी।

आजाद ने कहा, 'पिछले साल 1000 बच्चों को स्प्लिन्टर्स लगे। 100-200 बच्चों की आंखें चली गईं। यह कहना कि हम कश्मीर के बच्चों को पकड़ लेंगे, इसे देश के लोग पसंद नहीं करेंगे।'

आजाद के बयान के बाद बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को इस मामले में राजनीति नहीं करने की सलाह दी है। वहीं जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दल नैशनल कॉन्फ्रेंस ने भी सेना प्रमुख की भाषा को लेकर सवाल उठाए हैं।

कश्मीर की समस्या के लिए आजाद ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, 'मौजूदा हालात केंद्र सरकार की नाकामी की वजह से है। इन्हें समझ नहीं आया कि जम्मू-कश्मीर क्या है। हम भी सरकार चलाते थे, तब क्यों नहीं हुआ।'

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  • HIGHLIGHTS
  • जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्थानीय लोगों को मुठभेड़ वाली जगह से दूर रहने की सलाह दी है
  • सरकार की योजना मुठभेड़ वाले इलाके में 3 किलोमीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू करने की है
  • सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की चेतावनी के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने निर्देश जारी किए हैं