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AAP ने किया गुजरात विधान सभा चुनाव लड़ने का फैसला, सीटों की संख्या अभी तय नहीं

आम आदमी पार्टी (आप) ने गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। हालांकि, पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, यह अभी तय नहीं है।

Updated on: 03 Sep 2017, 06:46 AM

highlights

  • आम आदमी पार्टी का गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला, सीटों की संख्य तय नहीं
  • पार्टी 17 सितंबर से अहमदाबाद में रोड शो से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेगी

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) ने हाल में दिल्ली की बवान सीट पर हुए उपचुनाव में जीत के बाद गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने का भी फैसला कर लिया है। हालांकि, पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, यह अभी तय नहीं है।  

गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं, जिसमें बीजेपी के 120 सीटे हैं जबकि कांग्रेस के पास 43 विधायक हैं।

दिल्ली की बवाना सीट पर हुए उपचुनाव में बड़े अंतर से जीत हासिल करन के बाद पार्टी को ताकत मिली है। गौरतलब है कि इससे पहले राजौरी गार्डन विधानसभा उप-चुनाव और दिल्ली नगर निगम चुनाव (एमसीडी) में मिली हार से आम आदमी पार्टी के विस्तार अभियान की रणनीति को करारा झटका लगा था।

पार्टी ने विधानसभा चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए चुनाव समिति के गठन की भी घोषणा कर दी है। पार्टी ने इस सूची में 20 नेताओं को जगह दी है।

गुजरात में अभी तक चुनाव मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच होता रहा है। लेकिन आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने की घोषणा ने इसे त्रिकोणीय संघर्ष बना दिया है।

2017 में होने जा रहा गुजरात विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है और यह पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच की राजनीतिक लड़ाई में आप की एंट्री बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है।

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पटेल आंदोलन और उना प्रकरण के बाद गुजरात में बीजेपी के लिए हालात पहले से ही चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। पटेलों और दलितों के असंतोष को देखते हुए पिछले छह महीनों में प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात दौरै में भी बढ़ोतरी हुई है।

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी ने खुद को दिल्ली तक सीमित कर लिया था लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पंजाब और गोवा में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी।

पार्टी को हालांकि गोवा में बुरी हार का सामना करना पड़ा लेकिन पंजाब में वह अकाली-बीजेपी गठबंधन को पीछे धकेलते हुए मुख्य विपक्षी दल बनने में सफल रही। इसके बावजूद आप पंजाब चुनाव के नतीजों को लेकर खुश नहीं हुई क्योंकि वह राज्य में खुद को सरकार बनाने की स्थिति में देख रही थी।

117 सीटों वाले पंजाब विधानसभा में कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं जबकि आम आदमी पार्टी को 20 सीटों पर सफलता मिली थी। वहीं शिरोमणि अकाली दल को 15 जबकि बीजेपी को महज 3 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।

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